” मेहँदी लगा कर रखना” (व्यंग्य )
“मैं इसे शोहरत कहूँ,या अपनी रुस्वाई कहूँ,
मुझसे पहले उस गली में ,मेरे अफसाने गये”
अपनी तारीफ सुनने से वंचित और और अति व्यस्त रहने वाली नये वाले लिटरैचर विधा की मशहूर भौजी ने खाली बैठे बैठे उकताकर अपनी पुरानी ,विधाबदलू ननदी को फोन लगाया ,भौजी का फोन देखकर ननद रॉनी भाव विव्हल हो गईं मगर वो झाड़ू लगा रही थीं इसलिये उन्होंने फोन काट दिया।ननद रॉनी का प्रेम हिलोरें मार रहा था सो उन्होंने भौजी को वीडियो कॉल कर दिया ।भौजी बड़ी आसमजंस में पड़ गईं ,अजीब धर्मसंकट था ,फोन ना उठायें तो ननदी रिसाय जाय और फोन उठा लेवें तो बहुत कुछ जग जाहिर हो जाय,
ऊधो मन ना भये दस बीस” ,
सो उन्होंने फोन उठा लिया ,भौजी का चेहरा देखकर ननदी हैरान रह गयी।चेहरे पर झुर्रियां,झांइयां,बालों की डाई उतर चुकी है ,खिचड़ी सफेदी दिख रही है ,सर पर थोड़े से मगर उलझे से बाल थे,ननदी हैरान रह गयी कि ये वही भौजी हैं जिनकी दमक की धमक बनी रहती थी ,लोग उन्हें इक्कीस तोपों की सलामी जैसा रुतबा देते थे ,लेकिन इक्कीस दिनों के लाकडाउन में शुरुअआती कुछ दिनों में ही उनकी इस तरह की दुर्गति होने के अन्देशा उन्हें हर्गिज़ न था ,ननदी ने तुरंत अपना वीडियो इस प्रकार सेट कर लिया कि वो ही भौजी को देख सकें ,भौजी उनको नहीं ।
भौजी ने पूछा –
“आप दिख नही रही हैं ननद रानी “
वीडियो क्वालिटी खराब है भौजी “ननदी के मुंह से ये सुनते ही, भौजी का धर्मसंकट दूर हो गया ,उन्होंने तुरंत फोन काट दिया और चैन की सांस ली कि चलो इस मुसीबत से छुटकारा मिला वरना कहीं ये मेरी नौ वर्ष पुरांनी प्रोफाइल पिक्चर के सापेक्ष ऐसी कोई फोटो इसने लीक कर दी तो क्या होगा? उन्हें बेचैनी भी हुई और फ़िक्र भी ,,ईर्ष्या तू न गयी मेरे मन से ।
भौजी तुरंत नहा धोकर तैयार होकर बहू के कमरे में घुस गयीं ,बहू मोबाइल पर वेब सीरिज देख रही थी ,पीछे से सास ने देख लिया कि बहू कौन सी वेब सीरिज देख रही है ,बहू ने जब ये जाना कि सास ने देख लिया है कि वो क्या देख रही है तो शर्म से लाल हो गयी। भौजी ने बहू से कहा-
ये समय तुम्हारे शर्म से लाल होने का नहीं है , बल्कि मेक अप से मुझे लाल कर देने का है ।कौन सी वेब सीरीज है मुझे भी लिंक भेज देना “।
“आप वेब सीरिज देखेंगी मम्मी जी,ये तो यंग लोगों का ही कंटेंट है “ये कहते हुए बहू होंठ दबाकर हंसी।
बहू का मन्तव्य समझते ही वो भी शरमा गयीं और क्रोधित भी हुईं ,लेकिन अभी चूँकि बहू से मेक अप कराना था और उसके ही सौंदर्य प्रसाधनों से ,इसलिये उन्होंने क्रोध पर शर्म का लबादा ओढा कर बोलीं –
“यू नट्टी “और जबरदस्ती हँस पड़ीं।
बहू ने फिर कुटिल मुस्कान बिखेरी और कहा –
“नट्टी नहीं मम्मी जी ,नाटी ,जब तक आप इंग्लिश स्पीकिंग क्लासेज नहीं ज्वाइन कर लेतीं तब तक इंग्लिश बोलना अवॉयड कीजिये मम्मी जी”।भौजी इस व्यंग्य बाण से जल भुन कर स्वाहा हो गयीं।कोई और दिन होता तो वो इस अपमान का बदला जरूर लेतीं।उनके लिये ये बात नाकाबिले बर्दाश्त थी कि उन्हें कोई सिखाये ,उनके सिखाये पट्ठे,-पट्ठियों ने चतुर्दिक रायता फैला रखा है ,किसी की मजाल नहीं जो उन पर ऊँगली उठाये और ये छोकरी उनको सिखाएगी।लेकिन पहले उन्हें ननदी को सबक सिखाना था सो उन्होंने इस छोटी बात को हजम करते हुए कहा –
“सुन मुझे एक अर्जेन्ट वीडियो कॉल करना है ,तू मेरा मेकअप कर दे ,कोई चरक -वरक की गयी साड़ी तेरी रखी है क्या ।और शाम को सात बजे मेरा लाइव साहित्य सम्मेलन है उसमें पहनूँगी,तब तक मेकअप टिका रहेगा ना”।
“ना मम्मी जी मेरी तो सारी साड़ियां लांड्री में हैं ,सिर्फ विवाह वाली साड़ी घर पे है उसे पहनकर ही मुझे साडी में फोटो अपलोड करनी है ,अरे हाँ याद आया एक गहरे नीले रंग की है ,लेकिन आपकी तो कलर डाई उतर चुकी है ,थोड़ा अजीब लगेगा कलर कोम्बिनेशन ,” बहू ने जवाब दिया।
“तेरे पास डाई, कलर कुछ है तो रंग दे मेरे बाल ,”भौजी ने चहकते हुए कहा –
“था ना मम्मी जी ,मगर ससुर जी पहले हफ्ते भर में मूछें और कनपटी के बाल रँगते थे ,अब तीन दिन पर रँगते हैं ।आपको तो पता ही नहीं ससुर जी स्टार मेकर पर रोज ड्यूट गाते हैं और टिक टॉक पर वीडियो बनाकर अपलोड करते रहते हैं ।इसलिये सारी डाई,कलर सब वही यूज कर लेते हैं ,चिन्टू कह रहा था मम्मी जी कि ससुर जी अब तो काजल से ही बालों को काला कर देते हैं ,ड्यूट गाने से पहले।तो पहले डाई लगा लीजिये ,फिर मैं आपको रेडी कर दूँगी”बहू ने नया शिगूफा छोड़ा।
भौजी अपने पति के बारे में सुनकर नाराज तो बहुत हुईं ,लेकिन उनसे झगड़कर उन्हें नाराज नहीं करना चाहती थीं भौजी, सो उन्होंने अपने पतिदेव को बाद में सबक सिखाने के लिये दिल पर पत्थर रखा और उनसे जाकर हेयर कलर लाने को कहा। भौजी ने महिला सिपाहियों द्वारा महिलाओं की पिटाई के इतने वीडियो देखे थे कि उनकी हिम्मत नहीं पड़ी और किसी तरह अपने पति देव को तैयार किया कि वो हेयर कलर ले आएं ताकि वो भी वीडियो काल करके पहले ननद रानी की खबर ले सकें और फिर रात का साहित्यिक सम्मेलन भी उनको सम्भालना है ।भैया भी जान चुके थे कि भौजी उनके स्टार मेकर के ड्यूट और टिक टाक के लिये की जाने वाली तैयारियों को जान चुकी थीं,सो घर में होने वाले संभावित खतरे को टालने के लिये उन्होंने बाहर जाने का खतरा उठाना ज्यादा उचित समझा।वैसे भी गुटखा,पुड़िया के बिना उनका जीवन सूना -सूना था ,सुबह तम्बाकू की पिनक नहीं चढ़ती थी तो उनका प्रेशर नहीं बनता था ,जब उनकी सुबह खराब हो जाती थी तो वो दूसरों का पूरा दिन खराब कर दिया करते थे घर के सीमित वातावरण में ,फिर उनकी फोटो भी उतनी अच्छी नहीं आ पाती थी,सो उन्होंने अपनी ब्रांड के तम्बाकू को लाने का निश्चय किया ,वरना स्टार मेकर के ड्यूट में उनकी बनती बात बिगड़ जायेगी,घर से चलने से पहले उन्होंने ग़ालिब का शेर दुहराया
“ये इश्क़ नहीं आसां ,बस इतना समझ लीजे
इक आग का दरिया है ,इसमें डूब के जाना है “
सो वो खुद को तसल्ली देते हुए तथा स्टार मेकर और टिकटाक के हसीन ख्वाब बुनते हुए परचून की दुकान पर पहुंच गए।सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए एक घण्टे के इंतजार के बाद उनका नंबर आया,उन्होंने अपनी लिस्ट बढ़ायी तो दुकानदार ने कहा “आज का नियम है कि एक आदमी को एक ही सामान मिलेगा”भौजी के भैया ने बहुत कहा मगर दुकानदार न माना।हारकर उन्होंने भौजी के हेयर कलर के बजाय अपनी तम्बाकू को तरजीह दी ताकि उनके शरीर के अन्दर की दुनिया और उनकी बाहर की दुनिया नॉर्मल हो सके।उन्होंने बहाने सोच लिए थे कि वो भौजी को क्या बहाने बताएंगे हेयर कलर ना ला पाने के ।लॉक डाउन में छूट की अवधि पूरी हो चुकी थी ,उनका ध्यान समय पर नहीं था ,मास्क लगाये स्टार मेकर के डुएट की प्रैक्टिस करते जा रहे थे ।पुलिस ने उन्हें रोका ,उनके झोले की तलाशी ली ,तम्बाकू के ढेर सारे पैकेट पाकर वो भी लॉक डाउन की निर्धारित छूट की अवधि के बाद –
“नाम अनाम अनन्त रहत है,दूजा तत्त्त न होई,
कहत कबीर सुनो भई साधो,भटक मरो न कोई”
इतनी बात पुलिस के लिये काफी थी ,फिर इन्होंने अपने सीनियर होने का रौब भी गांठा, बिना मास्क उतारे।पुलिस ने भौजी के पति देव की अच्छे से ठोंकायी की ,तम्बाकू के लिये नियम तोड़ कर घूमने के सबब। उधर भौजी अपनी सात बजे की आन लाइन सम्मेलन की तैयारियों में व्यस्त हैं इधर उन्हें जबरदस्ती बाजार भेजे जाने से पिटकर आहत हुए भैया बहुत खूंखार होकर घर की तरफ दौड़ पड़े हैं ।नेपथ्य में कहीं गाना बज रहा है ,”मेहँदी लगा कर रखना “,
खुदा या खैर ,
दिलीप कुमार