नारी आज अष्टभुजा है
दो हाथों से
आफिस का काम करती है
दो से रसोई का
बच्चों की देखभाल भी
उसी के दो हाथ करते हैं
और फिर
हाथ बढा सहारा देती है
बेसहारों को
समाज सेवा करती है
नमन करो इस जीवित देवी को
जो अष्टभुजा हो कर भी
एक प्रश्न चिन्ह बनी है
आज के समाज में
शशि पाठक
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