हरियाणा
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हरियाणा
भारत का राज्य
राजधानी चण्डीगढ़
सबसे बड़ा शहर फरीदाबाद
जनसंख्या 2,53,51,462
- घनत्व 573 /किमी²
क्षेत्रफल 44,212 किमी² - ज़िले 22
राजभाषा हिन्दी, [हरियाणवी] पंजाबी[1]
गठन 1 नवम्बर 1966
सरकार हरियाणा सरकार - राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (भाजपा)
- विधानमण्डल एकसदनीय
विधान सभा (90 सीटें) - भारतीय संसद राज्य सभा (5 सीटें)
लोक सभा (10 सीटें) - उच्च न्यायालय पंजाब और हरियाणा
उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या 12 और 13
वाहन अक्षर HR
आइएसओ 3166-2 IN-HR
www.haryana.gov.in
हरियाणा उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। यमुना नदी इसके उत्तर प्रदेश राज्य के साथ पूर्वी सीमा को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हरियाणा से तीन ओर से घिरी हुई है और फलस्वरूप हरियाणा का दक्षिणी क्षेत्र नियोजित विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल है।
यह राज्य वैदिक सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। इस क्षेत्र में विभिन्न निर्णायक लड़ाइयाँ भी हुई हैं जिसमें भारत का अधिकत्तर इतिहास समाहित है। इसमें महाभारत का महाकाव्य युद्ध भी शामिल है। हिन्दू मतों के अनुसार महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ (इसमें भगवान कृष्ण ने भागवत गीता का वादन किया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत की लड़ाइयाँ हुई। ब्रितानी भारत में हरियाणा पंजाब राज्य का अंग था जिसे 1966 में भारत के 17वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में खाद्यान और दुग्ध उत्पादन में हरियाणा देश में प्रमुख राज्य है। इस राज्य के निवासियों का प्रमुख व्यवसाय कृषि है। समतल कृषि भूमि निमज्जक कुओं (समर्सिबल पंप) और नहर से सिंचित की जाती है। 1960 के दशक की हरित क्रान्ति में हरियाणा का भारी योगदान रहा जिससे देश खाद्यान सम्पन्न हुआ।
हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है। वर्ष 2012-13 में देश में इसकी प्रति-व्यक्ति ₹ 1,19,158 (अर्थव्यवस्था के आकार के आधार पर भारत के राज्य देखें) और वर्ष 2013-14 में ₹ 1,32,089 रही।[2] इसके अतिरिक्त भारत में सबसे अधिक ग्रामीण करोड़पति भी इसी राज्य में हैं।[3] हरियाणा आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है और यहाँ कृषि एवं विनिर्माण उद्योग ने 1970 के दशक से निरंतर वृद्धि का प्राप्त की है।[4] भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है।[5] भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष 2000 से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है।[6]
हरियाणा राज्य जाट और यादव जाति के भाईचारे का राज्य माना जाता है और हरियाणा गुर्जरों की बलियानियत से भी जाना जाता है
भूगोल
धोसी पहाड़ी।
अरावली पर्वतमाला का विस्तार राज्य के दक्षिणी हिस्से में है।
हरियाणा उत्तर भारत में स्थित एक स्थलरुद्ध राज्य है। इसका विस्तार 27°39′ उत्तर से 30°55′ उत्तर तक के अक्षांशों तक, और 74°28′ पूर्व से 77°36′ पूर्व तक के देशान्तरों तक है। राज्य की सीमायें उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, तथा दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के साथ इसकी पूर्वी सीमा को यमुना नदी परिभाषित करती है। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को भी तीन ओर से घेरता है। राज्य का क्षेत्रफल 44,212 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 1.4 प्रतिशत है, और इस प्रकार क्षेत्रफल के आधार पर यह भारत का इक्कीसवाँ सबसे बड़ा राज्य है। समुद्र तल से हरियाणा की ऊंचाई 700 से 3600 फीट (200 मीटर से 1200 मीटर) तक है।
भूतत्व
भौगोलिक तौर पर हरियाणा को चार भागों में बांटा जा सकता है: राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित यमुना-घग्गर के मैदान, सुदूर उत्तर में शिवालिक पहाड़ियों की एक पट्टी, दक्षिण-पश्चिम में बांगर क्षेत्र तथा दक्षिणी हिस्से में अरावली पर्वतमालाओं के अंतिमांश, जिनका क्षैतिज विस्तार राजस्थान से दिल्ली तक है।[7]:21 राज्य की मिट्टी आमतौर पर गहरी और उपजाऊ है। हालांकि, पूर्वोत्तर के पहाड़ी और दक्षिण-पश्चिम के रेतीले इलाके इसके अपवाद हैं। राज्य की अधिकांश भूमि कृषि योग्य है, लेकिन यहाँ अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।
यमुना राज्य की एकमात्र चिरस्थायी नदी है, जो इसकी पूर्वी सीमा पर बहती है। उत्तरी हरियाणा में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने वाली कई बरसाती नदियां हैं, जो हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों से निकलती हैं। इनमें घग्गर-हकरा, चौटांग, टागंरी, कौशल्या, मारकंडा, सरस्वती और सोम इत्यादि प्रमुख हैं। इसी तरह दक्षिणी हरियाणा में भी अरावली पहाड़ियों से निकलने वाली कई नदियां दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती हैं। इन नदियों में साहिबी, दोहान, कृष्णावती और इंदौरी शामिल हैं। माना जाता है कि ये सभी किसी समय सरस्वती नदी की सहायक नदियां थीं। इन नदियों पर राज्य भर में कई बाँध बने हैं, जिनमें यमुना नदी पर बने हथिनीकुंड तथा ताजेवाला बैराज, पंचकुला ज़िले में स्थित कौशल्या बाँध, यमुनानगर ज़िले में स्थित पथराला बैराज तथा सिरसा ज़िले में स्थित ओटू बैराज मुख्य हैं।
हरियाणा की प्रमुख झीलों में गुरुग्राम का बसई वेटलैंड, फरीदाबाद की बड़खल झील और प्राचीन सूरजकुण्ड, कुरुक्षेत्र के सन्निहित और ब्रह्म सरोवर, हिसार की ब्लू बर्ड झील, सोहना की दमदामा झील, यमुनानगर जिले का हथनी कुंड, करनाल की कर्ण झील, और रोहतक की तिल्यार झील इत्यादि प्रमुख हैं। सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था हेतु राज्य भर में नहरों का जाल बिछा है, जिनमें पश्चिमी यमुना नहर, इंदिरा गांधी नहर और प्रस्तावित सतलज यमुना लिंक नहर मुख्य हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले लगभग 14,000 जोहड़ों और 60 झीलों का प्रबंधन हरियाणा राज्य वाटरबॉडी प्रबंधन बोर्ड हरियाणा के जिम्मे है। राज्य का एकमात्र गरम चश्मा सोहना में स्थित है।
वन्य जीवन
2013 में राज्य में वन कवर 3.59% (1,586 वर्ग किमी) था, और राज्य में वृक्षारोपण 2.90% (1,282 वर्ग किमी) था, जिसमें कुल वन और वृक्ष 6.49% का कवर था। 2016-17 में, 14.1 मिलियन पौधे लगाकर 18,412 हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र के अंतर्गत लाया गया था। पूरे राज्य में कांटेदार, शुष्क, पर्णपाती वन और कांटेदार झाड़ियों को पाया जा सकता है। मानसून के दौरान, घास का एक कालीन पहाड़ियों को ढक लेता है। शहतूत, नीलगिरी, पाइन, किकर, शिशम और बाबुल यहां पाए जाने वाले कुछ पेड़ हैं। हरियाणा राज्य में पाए जाने वाले जीवों की प्रजातियों में काला हिरण, नीलगाय, पैंथर, लोमड़ी, नेवला, सियार और जंगली कुत्ता शामिल हैं। यहां पक्षियों की 450 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
जलवायु
हरियाणा की जलवायु साल भर में गांगेय मैदानों के समान रहती है, यहाँ का मौसम गर्मियों में बहुत गर्म, जबकि सर्दियों में मध्यम ठंडा रहता है। सबसे गर्म महीने मई और जून होते हैं, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस (113 डिग्री फारेनहाइट) तक चला जाता है,नारनौल व हिसार गर्मी में सबसे गर्म तथा सर्दी में सबसे ठंडे शहर और सबसे ठंडे महीने दिसंबर और जनवरी रहते है। कोप्पेन वर्गीकरण के अनुसार राज्य में तीन मौसम क्षेत्र पाए जाते हैं: राज्य के पश्चिमी तथा मध्य हिस्सों की जलवायु अर्द्ध शुष्क है, उत्तरी तथा पूर्वी क्षेत्रों की गर्म भूमध्यसागरीय, जबकि दक्षिणी क्षेत्रों की जलवायु मरुस्थलीय है।[8]
करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे राज्य में वर्षा कम और अनियमित है। वर्ष भर में अधिकतम वर्षा 216 सेमी, जबकि न्यूनतम वर्षा 25 से 38 सेमी तक रिकॉर्ड की जाती है। जुलाई से सितंबर के महीनों के दौरान लगभग 80 प्रतिशत बारिश होती है, और शेष वर्षा दिसंबर से फरवरी की अवधि के दौरान प्राप्त होती है। हरियाणा में तीन जिले ऐसे हैं जो अपने से ज्यादा ताकतवर हैं 1.रोहतक 2.सोनीपत 3.झज्जर
जनसांख्यिकी
ऐतिहासिक जनसंख्या
2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा की कुल आबादी लगभग 25,350,000 है।
जाट हरियाणा में प्रमुख जाति हैं, जोकि वीर एवं साहसी जाति है, और राज्य के मतदाताओं का लगभग 17% हिस्सा बनाते हैं। बाकी मतदाताओं में ओबीसी की वीर जाति (24%, अहीर / यादव सहित) ऊपरी जाति (ब्राह्मणों, बनियास और पंजाबियों सहित 30%); और दलित (21%) शामिल हैं।
धर्म
हरियाणा के धार्मिक आंकड़े(2011)[10]
██ हिन्दू धर्म (87.46%)
██ इस्लाम (7.03%)
██ सिख धर्म (4.91%)
██ जैन धर्म (0.21%)
██ ईसाई धर्म (0.20%)
██ बौद्ध धर्म (0.03%)
██ अन्य (0.18%)
87.46% आबादी के साथ हिंदू राज्य में बहुसंख्यक हैं। प्रमुख अल्पसंख्यकों में मुसलमान (7.03%) (मुख्य रूप से मियो) और सिख (4.91%) हैं। मुस्लिम मुख्य रूप से नूंह जिले में पाए जाते हैं। हरियाणा में पंजाब के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी सिख आबादी है, और वे ज्यादातर पंजाब के आस-पास के जिलों, जैसे हिसार, सिरसा, जींद, फतेहाबाद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, नारनौल और पंचकुला में रहते हैं।
भाषाएं
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हरियाणा के भाषाई आंकड़े(2001)[11]
██ हिन्दी (87.31%)
██ पंजाबी (10.57%)
██ उर्दू (1.23%)
██ बंगाली (0.19%)
██ नेपाली (0.10%)
██ अन्य (0.60%)
हिंदी 2010 तक हरियाणा की एकमात्र आधिकारिक भाषा थी और राज्य की अधिकांश आबादी (87.31%) द्वारा बोली जाती है।[11] हरियाणा में 70% ग्रामीण आबादी है जो मुख्य रूप से हिंदी की हरियाणवी बोली बोलती है। हरियाणा में ब्रजभाषा भी लोकप्रिय है, जो पलवल ज़िला और गुरूग्राम ज़िला में प्रमुखता से बोली जाती है।[12] साथ ही साथ अन्य संबंधित बोलियां भी, जैसे बागरी और मेवाती भी बोली जाती हैं।
इतिहास
इन्हें भी देखें: हरियाणा का इतिहास
इसकी स्थापना 1 नवम्बर 1966 को हुई। इसे भाषायी आधार पर पूर्वी पंजाब से नये राज्य के रूप में बनाया गया।[13][14][15] शब्द हरियाणा सर्वप्रथम 12वीं सदी में अपभ्रंश लेखक विबुध श्रीधर (विसं 1189–1230) ने उल्लिखीत किया था।[16]
उत्पत्ति
हरियाणा संस्कृत शब्द हरी और आयन से मिलकर बना है , जिसमे हरी शब्द भगवान विष्णु का सूचक है और आयन का अर्थ होता है घर , इस प्रकार से हरियाणा भगवान के घर से लिया गया है यहीं पर महाभारत का महान युद्ध लड़ा गया था , जिसमे विष्णु अवतार भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र की भूमि पर दिया था | हालाँकि कुछ विद्वान जैसे मुनि लाल ,मुरली चंद शर्मा ,HA फडके ,सुखदेव सिंह आदि का मानना है कि हरी शब्द यहाँ कि हरियाली का प्रतीक है और आयन का अर्थ होता है जंगल जो कि हरियाणा के नाम को सार्थक करता है | एवं इनके अलावा हरियाणा की उत्पत्ति अहिर+आना मतलब अहीर जाति से है क्यूँकि भगवान श्री हरी अहीर जाति से थे ओर वो हरियाणा आए थे
प्राचीन इतिहास
सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमे नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल, फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनवाली Fatehabad जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।
ग्रंथों में वर्णन
कुछ प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र की सीमायें, मोटे तौर पर हरियाणा राज्य की सीमायें हैं। तैत्रीय अरण्यक 5.1.1 के अनुसार, कुरुक्षेत्र क्षेत्र, तुर्घना (श्रुघना / सुघ सरहिन्द, पंजाब में) के दक्षिण में, खांडव (दिल्ली और मेवात क्षेत्र) के उत्तर में, मारू (रेगिस्तान) के पूर्व में और पारिन के पश्चिम में है।[17] भारत के महाकाव्य महाभारतमे हरियाणा का उल्लेख बहुधान्यकऔर बहुधनके रूप में किया गया है। महाभारत में वर्णित हरियाणा के कुछ स्थान आज के आधुनिक शहरों जैसे, प्रिथुदक (पेहोवा), तिलप्रस्थ (तिल्पुट), पानप्रस्थ (पानीपत) और सोनप्रस्थ (सोनीपत) में विकसित हो गये हैं। गुड़गाँव का अर्थ गुरु के ग्राम यानि गुरु द्रोणाचार्य के गाँव से है। कौरवों और पांडवों के बीच हुआ महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र नगर के निकट हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर दिया था। इसके बाद अठारह दिन तक हस्तिनापुर के सिंहासन का अधिकारी तय करने के लिये कुरुक्षेत्र के मैदानी इलाकों में पूरे भारत से आयी सेनाओं के मध्य भीषण संघर्ष हुआ। जनश्रुति के अनुसार महाराजा अग्रसेन् ने अग्रोहा जो आज के हिसार के निकट स्थित है, में एक व्यापारियों के समृद्ध नगर की स्थापना की थी। किवंदती है कि जो भी व्यक्ति यहाँ बसना चाहता था उसे एक ईंट और रुपया शहर के सभी एक लाख नागरिकों द्वारा दिया जाता था, इससे उस व्यक्ति के पास घर बनाने के लिये पर्याप्त ईंटें और व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त धन होता था।
मघ्यकालीन इतिहास
हूण के शासन के पश्चात हर्षवर्धन द्वारा 7वीं शताब्दी में स्थापित राज्य की राजधानी कुरुक्षेत्र के पास थानेसर में बसायी। उसकी मौत के बाद गुर्जर प्रतिहार ने वहां शासन करना आरंभ कर दिया और अपनी राजधानी कन्नौज बना ली। यह स्थान दिल्ली के शासक के लिये महत्वपूर्ण था। पृथ्वीराज चौहान ने 12वीं शताब्दी में अपना किला हाँसी और तरावड़ी (पुराना नाम तराईन) में स्थापित कर लिया।मुहम्मद गौरी ने दुसरी तराईन युध में इस पर कब्जा कर लिया। उसके पश्चात दिल्ली सल्तनत ने कई सदी तक यहाँ शासन किया।
विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा दिल्ली पर अधिकार के लिए अधिकतर युद्ध हरियाणा की धरती पर ही लड़े गए। तरावड़ी के युद्ध के अतिरिक्त पानीपत के मैदान में भी तीन युद्ध एसे लड़े गए जिन्होंने भारत के इतिहास की दिशा ही बदल दी। ब्रिटिश राज से मुक्ति पाने के आन्दोलनों में हरियाणा वासियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रेवाड़ी के राजा राव तुला राम का नाम 1857 के संग्राम में योगदान दिया।
राज्य स्थापना
एक राज्य के रूप में हरियाणा 1 नवंबर 1966 को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966) के माध्यम से अस्तित्व में आया था। भारत सरकार ने 23 अप्रैल 1966 को पंजाब के तत्कालीन राज्य को निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के आधार पर विभाजित करने के विचार के बाद हरियाणा के नए राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में शाह आयोग की स्थापना की। आयोग ने 31 मई 1966 को अपनी रिपोर्ट दे दी, जिससे हिसार, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के तत्कालीन जिलों हरियाणा के नए राज्य का हिस्सा बन गए। इसके अलावा, संगरूर जिले की जिंद और नरवाना तहसील, और साथ साथ ही नारायणगढ़, अंबाला और जगधरी को भी इसमें शामिल किया जाना था।
आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि खारद तहसील, जिसमें पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ शामिल थी, को हरियाणा का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, हरियाणा को खड़द का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिया गया था। चंडीगढ़ शहर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, जो कालांतर में पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी बना।
मण्डल तथा जिले
मुख्य लेख: हरियाणा के मण्डल और हरियाणा के जिले
हरियाणा के जिले (2011)
प्रशासनिक आधार पर हरियाणा को 22 जिलों में विभाजित किया गया है, जो 6 मण्डलों में समूहबद्ध हैं। इन 22 जिलों में 72 सब-डिवीजन, 93 तहसील, 50 उप-तहसील, 140 सामुदायिक विकास खंड, 154 नगर तथा कस्बे, 6,212 ग्राम पंचायत और 6,841 गांव हैं।
1 नवंबर 1966 को जब तत्कालीन पूर्वी पंजाब के विभाजन द्वारा हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी, तब राज्य में 7 जिले थे; रोहतक, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़, गुडगाँव, करनाल तथा अम्बाला। 2017 तक इन जिलों के पुनर्गठन के माध्यम से 14 नए जिले जोड़े जा चुके हैं।
हरियाणा के मण्डल तथा जिले
मण्डल जिले
अम्बाला अम्बाला, कुरुक्षेत्र, पंचकुला, यमुनानगर
फरीदाबाद फरीदाबाद, पलवल, मेवात
गुरुग्राम गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी
हिसार फतेहाबाद, जींद, हिसार, सिरसा
रोहतक झज्जर, दादरी, रोहतक, सोनीपत, [[भिवानी जिला|भिवानी] [चरखा दादरी]
करनाल करनाल, पानीपत, कैथल
नगर तथा कस्बे
मुख्य लेख: हरियाणा के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची
हरियाणा में कुल 154 नगर तथा कस्बे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 1 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 18 नगर हैं: फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, अम्बाला, यमुनानगर, रोहतक, हिसार, करनाल, सोनीपत, पंचकुला, भिवानी, सिरसा, बहादुरगढ़, जींद, थानेसर, कैथल, रेवाड़ी और पलवल।
चण्डीगढ़, जो भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है, हरियाणा की राजधानी है। 1 नवंबर, 1966 को जब पंजाब के हिन्दी-भाषी पूर्वी भाग को काटकर हरियाणा राज्य का गठन किया गया, तो चंडीगढ़ शहर के दोनों के बीच सीमा पर स्थित होने के कारण इसी दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी के रूप में घोषित किया गया और साथ ही संघ शासित क्षेत्र भी घोषित किया गया था। अगस्त 1985 में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी और अकाली दल के संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच हुए समझौते के अनुसार, चंडीगढ़ को 1986 में पंजाब में स्थानांतरित होना तय हुआ था। इसके साथ ही हरियाणा के लिए एक नयी राजधानी का सृजन भी होना था, किन्तु कुछ प्रशासनिक कारणों के चलते इस स्थानांतरण में विलंब हुआ। इस विलंब के मुख्य कारणों में दक्षिणी पंजाब के कुछ हिन्दी-भाषी गाँवों को हरियाणा और पश्चिम हरियाणा के पंजाबी-भाषी गाँवों को पंजाब को देने का विवाद था।
हरियाणा के प्रमुख नगर
फरीदाबाद
पंचकुला
गुरुग्राम
हिसार
रोहतकक_सली
अर्थव्यवस्था
2012-17 में 12.96% की कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर और 2017-18 में यूएस $95 बिलियन डॉलर की अनुमानित जीएसडीपी के साथ हरियाणा की जीडीपी भारत में 14वीं सबसे बड़ी है। हरियाणा की जीडीपी 52% सर्विस सेक्टर, 30% इंडस्ट्रीज सेक्टर, और 18% कृषि सेक्टर में विभाजित है।
सर्विस सेक्टर 45% रीयल एस्टेट और वित्तीय और पेशेवर सेवाओं, 26% व्यापार और आतिथ्य, 15% राज्य और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, और 14% परिवहन और रसद और गोदाम में विभाजित है। आईटी सेवाओं में, गुरुग्राम विकास दर और मौजूदा प्रौद्योगिकी आधारभूत संरचना में पूरे भारत में नंबर 1 स्थान पर, और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र, नवाचार और उत्तरदायित्व (नवंबर 2016) में नंबर 2 पर है।
इंडस्ट्रीज सेक्टर 69% विनिर्माण, 28% निर्माण, 2% उपयोगिताओं और 1% खनन में विभाजित है। हरियाणा पूरे भारत की 67% यात्री कार, 60% मोटरसाइकिल, 50% ट्रैक्टर और 50% रेफ्रिजरेटरों का उत्पादन करता है।
सेवाओं और औद्योगिक क्षेत्रों को 7 परिचालित एसईजेड और अतिरिक्त 23 औपचारिक रूप से अनुमोदित एसईजेड (20 पहले ही अधिसूचित और 3 इन-प्रिंसिपल स्वीकृति) द्वारा बढ़ाया जाता है जो ज्यादातर दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर, अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर और दिल्ली पश्चिमी परिधीय एक्सप्रेसवे के साथ फैले हुए हैं।
कृषि क्षेत्र 93% फसलों और पशुधन, 4% वाणिज्यिक वानिकी और लॉगिंग, और 2% मत्स्यपालन में विभाजित है। हरियाणा का कृषि क्षेत्र, भारत के 1.4% से कम क्षेत्र के साथ, केंद्रीय खाद्य सुरक्षा सार्वजनिक वितरण प्रणाली, और कुल राष्ट्रीय कृषि निर्यात का 7% का योगदान देता है जिसमें कुल राष्ट्रीय बासमती चावल निर्यात का 60% शामिल है।
कृषि
हरियाणा परंपरागत रूप से एक कृषि समाज रहा है। 1960 के दशक में हरियाणा में हरित क्रांति के आगमन, और फिर 1963 में भाखड़ा बांध और 1970 के दशक में पश्चिमी यमुना कमांड नेटवर्क नहर प्रणाली के पूरा होने के परिणामस्वरूप हरियाणा में खाद्य अनाज उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 2015-2016 में, हरियाणा में 1,33,52,000 टन गेहूं, 41,45,000 टन चावल, 71,69,000 टन गन्ना, 9,93,000 टन कपास और 8,55,000 टन तिलहन (सरसों का बीज, सूरजमुखी, आदि) का उत्पादन हुआ। हरियाणा दुग्ध के लिए भी जाना जाता है। राज्य में मवेशियों की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें मुर्रा भैंस, हरियाणवी, मेवाती, साहिवाल और नीलि-रवि इत्यादि प्रमुख हैं।
कृषि आधारित हरियाणा की अर्थव्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए, केंद्रीय सरकार (केंद्रीय अनुसंधान संस्थान, बफेलो, केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म, इक्विनेस पर राष्ट्रीय शोध केंद्र, मत्स्य पालन संस्थान, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, भारतीय संस्थान गेहूं और जौ अनुसंधान और राष्ट्रीय ब्यूरो ऑफ एनिमल आनुवांशिक संसाधन) और राज्य सरकार (सीसीएस एचएयू, लुवास, सरकारी पशुधन फार्म, क्षेत्रीय चारा स्टेशन और उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान) ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा के लिए कई संस्थान राज्य में खोले हैं।
प्रशासन
नियम कानून
हरियाणा पुलिस बल हरियाणा की कानून प्रवर्तन एजेंसी है। हरियाणा पुलिस की पांच रेंज अंबाला, हिसार, करनाल, रेवाड़ी और रोहतक हैं। इसके अतिरिक्त फरीदाबाद, गुड़गांव और पंचकुला में तीन पुलिस आयुक्त हैं। साइबर क्राइम की जांच हेतु गुड़गांव के सेक्टर 51 में साइबर सेल स्थित है।
राज्य में सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकरण पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय है। हरियाणा ई-फाइलिंग सुविधा का उपयोग करता है।
अन्य प्रशासनिक सेवाएं
नागरिकों को सैकड़ों ई-सेवाओं की पेशकश करने के लिए सभी जिलों में सर्व सेवा केंद्रों (सीएससी) को अपग्रेड किया गया है, जिसमें नए जल कनेक्शन, सीवर कनेक्शन, बिजली बिल संग्रह, राशन कार्ड सदस्य पंजीकरण, एचबीएसई का परिणाम, बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र, सरकारी कॉलेजों के लिए ऑनलाइन प्रवेश फॉर्म, बसों की लंबी मार्ग बुकिंग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और एचयूडीए प्लॉट्स स्टेटस पूछताछ के लिए फॉर्म उपलब्ध हैं। हरियाणा सभी जिलों में आधार-सक्षम जन्म पंजीकरण को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत एकीकृत यूएमएएनजी ऐप और पोर्टल के माध्यम से हजारों पारंपरिक ऑफ़लाइन राज्य और केंद्र सरकार सेवाएं भी 24/7 उपलब्ध हैं।
परिवहन
सड़क
दिसंबर 2017 तक हरियाणा राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 26,062 किलोमीटर (16,194 मील) है, जिसमें 2,482 किलोमीटर (1,542 मील) राष्ट्रीय राजमार्ग, 1,801 किलोमीटर (1,119 मील) राज्य राजमार्ग, 1,395 किलोमीटर (867 मील) प्रमुख जिला सड़क (एमडीआर) और 20,344 किलोमीटर (12,641 मील) अन्य जिला सड़क (ओडीआर) हैं।[18] राज्य में कुल 15 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं,[19] जिनमें से अधिकतर राज्य के विभिन्न हिस्सों को दिल्ली से जोड़ते हैं। हरियाणा रोडवेज का 3,864 बसों का बेड़ा राज्य भर में प्रति दिन 1.15 मिलियन किमी की दूरी को कवर करता है। हरियाणा देश में लक्जरी वीडियो कोच पेश करने वाला पहला राज्य था।
रेल
हरियाणा में रेल नेटवर्क 3 रेलवे जोनों के तहत 5 रेल डिवीजनों द्वारा कवर किया गया है। डायमंड चतुर्भुज हाई स्पीड रेल नेटवर्क, पूर्वी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (72 किमी) और पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (177 किमी) हरियाणा से गुजरते हैं।
उत्तर पश्चिमी रेलवे जोन के बीकानेर रेलवे डिवीजन पश्चिमी और दक्षिणी हरियाणा में भटिंडा-दबवाली-हनुमानगढ़ लाइन, रेवाड़ी-भिवानी-हिसार-बठिंडा लाइन, हिसार-सदुलपुर लाइन और रेवाड़ी-लोहारु-सदुलपुर लाइन को कवर करते हुए रेल नेटवर्क का संचालन करता है। इसी जोन के जयपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत दक्षिण-पश्चिम हरियाणा का रेल नेटवर्क आता है, जिसमें रेवाड़ी-रेन्गस-जयपुर लाइन, दिल्ली-अलवर-जयपुर लाइन और लोहारु-सीकर लाइन शामिल है। उत्तरी, पूर्व और मध्य हरियाणा के क्षेत्र उत्तरी रेलवे जोन के दिल्ली रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आते हैं, जिसके अंदर दिल्ली-अंबाला लाइन, दिल्ली-रोहतक-तोहाना लाइन, रेवारी-रोहतक लाइन, जींद-सोनीपत लाइन और दिल्ली-रेवाड़ी लाइन आती हैं। इसी जाने के अंबाला रेलवे डिवीजन के अंतर्गत उत्तर-पूर्व हरियाणा में अंबाला-यमुनानगर लाइन, अंबाला-कुरुक्षेत्र लाइन और यूनेस्को विश्व विरासत कालका-शिमला रेलवे लाइन आती हैं। दक्षिण-पूर्व हरियाणा की पलवल-मथुरा लाइन उत्तर मध्य रेलवे जोन के आगरा रेलवे डिवीजन के अंतर्गत आने वाली एकमात्र रेलवे लाइन है।
शिक्षा
साक्षरता
हरियाणा में साक्षरता दर में ऊपर की प्रवृत्ति देखी गई है और 2011 की जनगणना के मुताबिक यह 76.64 प्रतिशत है। पुरुषों में साक्षरता डॉ 85.38 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं में यह 66.67 प्रतिशत है। 2001 में हरियाणा की साक्षरता दर 67.91 प्रतिशत थी; तब 78.49 प्रतिशत पुरुष और 55.73 प्रतिशत महिलाएं साक्षर थीं। 2013 तक, हरियाणा के उच्चतम साक्षरता दर वाले नगर गुरुग्राम (86.30 प्रतिशत), पंचकुला (81.90 प्रतिशत) और अम्बाला (81.70 प्रतिशत) हैं। जिलों के संदर्भ में, 2012 तक 74 प्रतिशत के साथ रेवाड़ी में हरियाणा की उच्चतम साक्षरता दर थी, जो राष्ट्रीय औसत 59.5 प्रतिशत से अधिक थी: पुरुष साक्षरता 79 प्रतिशत थी, और महिला 67 प्रतिशत थी।
स्कूली शिक्षा
हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन सालाना दो बार माध्यमिक, मैट्रिक, और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर सार्वजनिक परीक्षाऐं आयोजित करता है। बोर्ड की स्थापना सितंबर 1969 में चण्डीगढ़ में हुई थी, और 1981 में यह भिवानी में स्थानांतरित हो गया। फरवरी और मार्च में सात लाख से अधिक उम्मीदवार वार्षिक परीक्षा में भाग लेते हैं; जबकि लगभग डेढ़ लाख प्रत्येक नवंबर में पूरक परीक्षाओं में भाग लेते हैं। बोर्ड सालाना दो बार वरिष्ठ और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर हरियाणा ओपन स्कूल के लिए भी परीक्षा आयोजित करता है। हरियाणा सरकार बैचलर डिग्री स्तर तक महिलाओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान करती है। हिंदी और अंग्रेजी स्कूलों में अनिवार्य भाषाएं हैं जबकि पंजाबी, संस्कृत और उर्दू वैकल्पिक भाषाओं के रूप में चुने जाते हैं।
2015-2016 में, राज्य भर में लगभग 20,000 स्कूल थे, जिनमें से 10,100 सरकारी स्कूल (36 आरोही स्कूल, 11 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 21 मॉडल संस्कार स्कूल, 8744 सरकारी प्राथमिक विद्यालय, 3386 सरकारी माध्यमिक विद्यालय, 1284 सरकारी हाई स्कूल और 1967 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय), 7,635 निजी स्कूल (200 सहायता प्राप्त, 6,612 अनियोजित मान्यता प्राप्त, और 821 अज्ञात अवैतनिक निजी स्कूल) और कई सौ अन्य केंद्र सरकार और निजी विद्यालय थे, जैसे केन्द्रीय विद्यालय, भारतीय आर्मी पब्लिक स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय और डीएवी स्कूल।
उच्च शिक्षा
महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक का मुख्य भवन
हरियाणा में 29 विश्वविद्यालय और 299 कॉलेज हैं, जिनमें 115 सरकारी कॉलेज, 88 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज और 96 स्वयं वित्त कॉलेज शामिल हैं। केवल हिसार में ही तीन विश्वविद्यालय हैं: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय – एशिया का सबसे बड़ा कृषि विश्वविद्यालय, गुरु जांभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय); कई राष्ट्रीय संस्थान हैं, जैसे कृषि और पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (इक्विंस पर राष्ट्रीय शोध केंद्र), केंद्रीय भेड़ प्रजनन फार्म, पिग प्रजनन और अनुसंधान पर राष्ट्रीय संस्थान, उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान और मध्य इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन बफेलो (सीआईआरबी); और महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, एग्रोहा सहित 20 से अधिक कॉलेज भी हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 27 फरवरी 2016 को घोषणा की कि युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) स्थापित किया जाएगा और भारत के सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) की स्थापना पंचकुला के सेक्टर 23 में मौजूदा एचएसआईआईडीसी आईटी पार्क में की जाएगी।