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तमिल नाडु
தமிழ்நாடு
राजधानी चेन्नई
सबसे बड़ा शहर चेन्नई
जनसंख्या 7,21,47,030
- घनत्व 555 /किमी²
क्षेत्रफल 1,30,058 किमी² - ज़िले 32
राजभाषा तमिल[1]
गठन 26 जनवरी 1950
सरकार तमिल नाडु सरकार - राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित
- मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी
- विधानमण्डल एकसदनीय
विधान सभा (235 सीटें) - भारतीय संसद राज्य सभा (18 सीटें)
लोक सभा (39 सीटें) - उच्च न्यायालय मद्रास उच्च न्यायालय
डाक सूचक संख्या 60 से 64
वाहन अक्षर TN
आइएसओ 3166-2 IN-TN
www.tn.gov.in
तमिलनाडु के राज्य प्रतीक
पशु नीलगिरि तहर
(तमिल: வரை யாடு) Niltahr.jpg
पक्षी पन्ना कबूतर
(तमिल: மரகதப் புறா,பஞ்சவர்ண புறா) Emerald dove444.jpg
नृत्य भारतनाट्टियम
(तमिल: பரதநாட்டியம்)
पुष्प करी हरी
(तमिल: செங்காந்தள்,கார்த்திகை மலர்) Gloriosa Superba.jpg
गीत नीरारम
Neerarum Kadaludutha.jpg
खेल सादुगुडु
A Kabaddi match at 2006 Asian Games.jpg
वृक्ष ताड़
(तमिल: பனை மரம்) Palm Tamil Nadu.jpg
स्रोत:[2]
तमिल नाडु (तमिल: தமிழ்நாடு सहायता·सूचना, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी पलानिस्वामी [3] और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित हैं।
नामकरण
ब्रिटिश शासनकाल में यह प्रान्त मद्रास प्रेसिडेंसी का भाग था। स्वतन्त्रता के बाद मद्रास प्रेसिडेंसी को विभिन्न भागों में बाँट दिया गया, जिसका परिणति मद्रास तथा अन्य राज्यों में हुई। 1968 में मद्रास प्रान्त का नाम बदलकर तमिल नाडु कर दिया गया।
तमिलनाडु शब्द तमिल भाषा के तमिल तथा नाडु (நாடு) यानि देश या वासस्थान, से मिलकर बना है जिसका अर्थ तमिलों का घर या तमिलों का देश होता है।
इतिहास
तमिलनाडु का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह उन गिने चुने क्षेत्रों में से एक है जो प्रागैतिहासिक काल से अब तक लगातार बसे हुए है। अत्यारम्भ से यह तीन प्रसिद्ध राजवंशों की कर्मभूमि रही है – चेर, चोल तथा पांड्य। तमिल नाडु के प्राचीन संगम साहित्य में, यहाँ के तत्कालीन राजाओं, राजकुमारों तथा उनके प्रशन्शक कवियों का बारम्बार विवरण मिलता है। विद्वान तथा विशेषज्ञ एसा मानते हैं कि, यह संगम साहित्य इसोत्तर (इसा-पश्चात) की आरम्भिक कुछ सदियों का है। आरम्भिक चोल, पहली सदी से लेकर चौथी सदी तक सत्ता के मुख्य अधिपति रहे। इनमें सर्वप्रमुख नाम करिकाल चोल (तमिल – கரிகால சோல (तमिल हिज्जे की शुद्धता अपूर्ण हो सकती है)) है, जिसने अपने साम्राज्य को कांचीपुरम् तक पहुँचाया। चोलों ने वर्तमान तंजावुर तथा तिरुचिरापल्ली तक अपना साम्राज्य विस्तृत किया तथा सैन्य कर्मों में महारत प्राप्त की। अपने यौवन काल में चोलों ने दक्षिण में श्रीलंका तथा उत्तर में कई सौ कि॰मी॰ तक अपना प्रभुत्व स्थापित किया। तीसरी सदी तक कालभ्रों के आक्रमण से चोलों का पतन आरम्भ हो गया। कालभ्रों को छठी सदी तक, उत्तर में पल्लवों तथा दक्षिण में पांड्यों ने हराकर बाहर कर दिया।
मन्दिर निर्माण
मदुरै का मीनाक्षी अम्मम मंदिर
580 ई0 के आसपास पांड्य शाशक, जो मन्दिर निर्माण में निपुण निकले, सत्ता के प्रमुख हो गए और अगले 150 वर्षों तक राज सम्भाला। कांचीपुरम् उनका प्रमुख केन्द्र था। द्रविड़ स्थापत्य इस समय अपने चरम पर था।
9वीं सदी में चोलों का पुनरोदय हुआ। राजाराजा चोल तथा उसके पुत्र राजेंद्र चोल के नेतृत्व में चोल एशिया के प्रमुख साम्राज्यों में गिना जाने लगा। उनका साम्राज्य बंगाल तक फैल गया। राजेंद्र चोल की नौसेना ने बर्मा (म्यानमार), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सुमात्रा, जावा, मलय तथा लक्षद्वीप तक पर अधिपत्य जमाया। चोलों ने भी भुवन (मंदिर) निर्माण में प्रवीणता हासिल की। तंजावुर का वृहदेश्वर मंदिर इसका सुंदरतम उदाहरण है। 14वीं सदी के आरंभ में पांड्य फिर प्रभुत्व में आए, पर अधिक दिनों तक टिक नहीं सके। उन्हें उत्तर के मुस्लिम खिलजी शाशकों ने हरा दिया। मदुरई को लूट लिया गया।
16वीं सदी के मध्य में विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद कुछ पुराने मंदिरों का पुनर्निमाण किया गया। 1670 तक राज्य का लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र मराठों के अधिकार में आ गया। पर मराठे अधिक दिनों तक शासन में नहीं रह सके इसके 50 वर्षों के बाद मैसूर स्वतन्त्र हो गया जिसके अधीन आज के तमिळनाडु का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र था। इसके अलावा दक्षिण के राज्य भी स्वतंत्र हो गए। सन् 1799 में चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद यह अंग्रेजी शासन में आ गया।
भूगोल
तमिलनाडु के जिले
तमिल नाडु का क्षेत्रफल 1,30,058 किमी2 है। यह भारत के दक्षिण में स्थित है और उत्तर में आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम में केरल, दक्षिण में हिन्द महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी इसके पड़ोसी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के उत्तरपूर्व में पुडुचेरी भी स्थित है। यहाँ की सबसे प्रमुख नदी कावेरी है।
राज्य का पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरपूर्वी भाग पहाड़ी भूभाग वाला है। तमिल नाडु देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी सीमा के भीतर पूर्वी और पश्चिमी घाट पड़ते हैं जो नीलगिरी में जुड़े हुए हैं। केरल की सीमा से लगता पश्चिमी घाट है जो दक्षिणपश्चिम मानसून की बारिश को रोक देता है। राज्य का पूर्वी भाग उपजाऊ है, उत्तरी भाग में पहाडियाँ और समतल भूमि भी है। राज्य के मध्य भाग शुष्क हैं और राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम वर्षा प्राप्त करते हैं।
तमिल नाडु की तटरेखा 910 किमी है। वर्ष 2004 में आई सुनामी की लहरें इस राज्य की तटरेखा से भी टकराई थीं जिसके कारण यहाँ बहुत क्षति हुई। उस सुनामी में तमिल नाडु में लगभग 7,790 लोग मारे गए थे। इस राज्य की जलवायु मानसून पर निर्भर है और बहुत से क्षेत्र सूखा-सम्भावित हैं। राज्य में औसत वार्षिक अवक्षेपण 945 मीमी है।
जनसांख्यिकी
तमिलनाडु में विभिन्न धर्म (2011)[4]
██ हिन्दू (87.58%)
██ ईसाई (6.12%)
██ मुसलमान (5.86%)
██ जैन (0.12%)
██ सिख (0.02%)
██ बौद्ध (0.01%)
██ धर्मविहीन तथा अन्य एवं (0.3%)
2011 की जनगणना के अनुसार तमिल नाडु की जनसंख्या 7,21,38,958 है जो देश में सातवीं सबसे अधिक है और देश की कुल जनसंख्या का 5.96% है। राज्य में जनसंख्या घनत्व 555 व्यक्ति/किमी2 है जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक ऊपर है। यहाँ की 44% जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में निवास करती है। वर्ष 2001 से 2011 के दौरान तमिल नाडु की जनसंख्या में 15.6% की वृद्धि हुई थी। तब भी राज्य की प्रजनन दर देश में सबसे कम में से है – 1.8 बच्चे प्रति 1 महिला। राज्य की अधिकान्श जनसंख्या हिन्दू धर्म की अनुयायी है, लगभग 88.34%, जिसके पश्चात ईसाई (6.08%) और मुसलमान (5.57%) हैं। राज्य की आधिकारिक भाषा तमिल है और कुल 89% लोग इसे बोलते हैं। अन्य प्रमुख भाषाएँ हैं: तेलुगू (5.66%), कन्नड़ (1.7%), उर्दू (1.5%) और मलयालम (0.6%)। राज्य की जीवन प्रत्याशा दर पुरुषों के लिए 65.2 वर्ष और महिलाओं के लिए 67.6 वर्ष है। वर्ष 2004-05 के आँकड़ों के अनुसार राज्य में 27.5% लोग निर्धनता सीमा से नीचे रह रहे हैं।
संस्कृति
भरतनाट्यम
तमिल सभ्यता विश्व की पुरातनतम सभ्यताओं में से एक है। तमिल यहां की आधिकारिक भाषा है और हाल में ही इसे जनक भाषा का दर्जा मिला। तमिळ भाषा का इतिहास काफी प्राचीन है, जिसका परिवर्तित रूप आज सामान्य बोलचाल में प्रयुक्त होता है।
तमिलनाडु की सांस्कृतिक विशेषता तंजावुर के भित्तिचित्र, भरतनाट्यम्, मंदिर-निर्माण तथा अन्य स्थापत्य कलाएं हैं।
साहित्य
संत कवि तिरूवल्लुवर का तिरुक्कुरल (तमिल – திருக்குறள்), प्राचीन तमिल का सर्वप्रसिद्ध ग्रंथ है। संगम साहित्य, तमिल के साहित्यिक विकास का दस्तावेज है। तमिल का विकास 20वीं सदी के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी काफी तेजी से हुआ।
संगीत
कर्नाटक संगीत यहां की मुख्यधारा संगीत-विधा है।
नृत्य
भरतनाट्यम् काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध है।
भोजन
केले के पत्ते पर परोसा हुआ तमिलनाडु का सम्पूर्ण भोजन
चावल तमिलनाडु का प्रमुख भोजन है, चावल व चावल के बने व्यंजन जैसे दोसा, उथप्पम्, इद्ली आदि लोकप्रिय है जिन्हे केले के पत्ते पर परोसा जाता है। यहां के खाने में मिर्च-मसालों का काफी प्रयोग किया जाता है जिससे भोजन अतिस्वादिष्ट एवं रूचिकर लगता है।
राजनीति
तमिलनाडु में द्विसदनात्मक लोकतंत्र था, जिसे 1986 में अन्य कई भारतीय राज्यों की तरह, एकसदनात्मक कर दिया गया।
अर्थव्यवस्था
तमिल नाडु, भारत का महाराष्ट्र के बाद सबसे बड़ा औद्योगिक राज्य है। यह भारत का सर्वाधिक नगरीकृत राज्य भी है जहां की 47% जनसम्ख्या नगरीय क्षेत्रों में निवास करती है। देश के अन्य राज्यों की तुलना में तमिल नाडु में औद्योगिक उत्पादन क्षेत्र समान रूप से फैला हुआ है। तमिल नाडु, कर्नाटक के बाद देश का सबसे बड़ा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विकास का क्षेत्र है विशेषकर चेन्नई जो कर्नाटक की राजधानी बंगलौर के बाद देश का सबसे बड़ा आईटी नगर है और देश का सबसे बड़ा आईटी पार्क यहाँ स्थित है। इसके अतिरिक्त यहाँ बायोप्रौद्योगिकी विकास (चैन्नई और मदुरई), लौह धातु-विज्ञान (सालेम), परमाणु ऊर्जा (कलपक्कम और कुण्डन्कुलम) के भी केन्द्र है। यहाँ यान्त्रिक अभियान्त्रिकी केन्द्र भी हैं और देश के 40% वाहन यहाँ निर्मित होते हैं। इसके अतिरिक्त वस्त्र-उद्योग भी यहाँ का एक पारम्परिक रूप से प्रमुख उद्योग है और इसका केन्द्र तिरुपुर में है।
तमिल नाडु का पर्यटन उद्योग भी विकसित है और पर्यटन के प्रमुख केन्द्र कांचीपुरम, ममल्लपुरम (या महाबलिपुरम), तिरुचिरापल्ली, कन्याकुमारी और रामेश्वरम हैं। चैन्नई का मरीना तट भी विश्व का दूसरा सबसे लम्बा समुद्रतट है।
कृषि
राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषिक्षेत्र की प्रमुख भूमिका है। तमिल नाडु का चावल उत्पादन देश में पाँचवा सबसे अधिक है। इस राज्य में भारत के कुल फल-उत्पादन का 10% और सब्ज़ियों के उत्पादन का 6% पैदा होता है। यहाँ स्थित कावेरी नदी द्रोणी को “दक्षिण भारत का चावल का कटोरा” कहा जात है। तमिल नाडु केलों और फूलों का सबसे बड़ा, आम, रबड़, मूंगफली, नारियल का दूसरा सबसे बड़ा और कॉफ़ी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। गन्ना उत्पादन के लिए राज्य की 2% जुती हुई भूमि उपयोग में है। तमिल नाडु दूध का भी प्रमुख उत्पादक है।
शिक्षा
2011 की जनगणना के अनुसार तमिल नाडु की साक्षरता दर 80.3% है जो राष्टीय औसत से अधिक है। 2001 की जनगणना में यह दर 73.5% था। यहां शिक्षा-क्षेत्र में एक प्रमुख समस्या प्रशिक्षित अध्यापकों की कमी होना है। तमिल नाडु में कुल मिलाकर 37 विश्वविद्यालय, 454 तकनीकी महाविद्यालय, 566 कला और विग्यान महाविद्यालय, 34,335 प्रारम्भिक विद्यालय, 5,167 माध्यमिक विद्यालय, 5,054 उच्चतर विद्यालय हैं। प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में हैं: मद्रास विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, पीएसजी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, अन्ना विध्वविद्यालय चैन्नई, कोयमबटूर प्रौद्योगिकी संस्थान, कामराज विश्वविद्यालय मदुरई, एनाआईटी त्रिची, मद्रास किश्चन कॉलेज, किश्चन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास मेदिकल कॉलेज, लोयोला कॉलेज, तमिल नाडु कृषि विश्वविद्यालय और मदुरई मेडिकल कॉलेज हैं।
परिवहन
तमिल नाडु का परिवहन तन्त्र अपेक्षाकृत रूप से विकसित है। राज्य में सड़कों की कुल लम्बाई 1,99,040 किमी है जिसमें से 4,873 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। सड़क तन्त्र का घनत्व 153 से 100 किमी2 है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राज्य में रेल-तन्त्र बहुत अच्छी तरह विकसित है और यहाँ रेलमार्गों की कुल लम्बाई 5,952 किमी है। तमिल नाडु भारतीय रेल के दक्षिणी ज़ोन में आता है।
राज्य की राजधानी चैन्नई में मेट्रो रेल एवं नगर का रेपिड रेलवे सिस्टम मौजूद है।[5] राज्य का प्रमुख बस सेवा संचालक-तमिल नाडु राज्य परिवहन निगम है जो राज्यभर में बस सेवाएँ प्रदान करता है। राज्य का प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चैन्नई में स्थित है और देश का चौथा सबसे व्यस्त है। दो अन्य अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तिरुचिरापल्ली और कोयमबटूर में हैं।