• Home
  • Disclamer
  • Programs
  • Bank Details
  • Contact us
Janlok India Times news
Advertisement
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल
No Result
View All Result
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल
No Result
View All Result
Janlok India Times news
No Result
View All Result
Home राज्य

सिक्किम

Janlok india times news bureau by Janlok india times news bureau
January 8, 2020
in राज्य, सिक्किम
0
0
SHARES
45
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
सिक्किम

संपर्क भाषा भारती वेब-पोर्टल को मिज़ोरम से प्रतिनिधियों की आवश्यकता है…
सिक्किम
Sikkim
राजधानी गंगटोक
सबसे बड़ा शहर गंगटोक
जनसंख्या 6,10,577

  • घनत्व 86 /किमी²
    क्षेत्रफल 7,096 किमी²
  • ज़िले 4
    राजभाषा अंग्रेज़ी, भूटिया, गुरूङ,
    लेपचा, लिंबू, मगर,
    मुखिया, नेपालभाषा,
    राई, शेर्पा, तामाङ[1]
    गठन 10 April 1975
    सरकार सिक्किम सरकार
  • राज्यपाल गंगा प्रसाद
  • मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग
  • विधानमण्डल एकसदनीय
    विधान सभा (32 सीटें)
  • भारतीय संसद राज्य सभा (1 सीट)
    लोक सभा (1 सीट)
  • उच्च न्यायालय सिक्किम उच्च न्यायालय
    डाक सूचक संख्या 737
    वाहन अक्षर SK
    आइएसओ 3166-2 IN-SK
    %20sikkim.gov.in
    सिक्किम सहायता·सूचना (या, सिखिम) भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है।[2] अंग्रेजी, ग़ोर्खा खस भाषा, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।[3]

सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण 1975 में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया।[4] उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ।[5]

सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम[6] तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चको प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता पुची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है।

नाम का मूल
‘सिक्किम’ शब्द का सर्वमान्य स्रोत लिम्बू भाषा के शब्दों सु (अर्थात “नवीन”) तथा ख्यिम (अर्थात “महल” अथवा “घर” – जो कि प्रदेश के पहले राजा फुन्त्सोक नामग्याल के द्वारा बनाये गये महल का संकेतक है) को जोड़कर बना है। तिब्बती भाषा में सिक्किम को “चावल की घाटी” कहा जाता है।[7]

इतिहास
मुख्य लेख: सिक्किम का इतिहास

गुरु रिन्पोचे, सिक्किम के संरक्षक सन्त की मूर्ति. नाम्ची की मूर्ति 188 फीट पर विश्व में उनकी सबसे ऊँची मूर्ति है।
बौद्ध भिक्षु गुरु रिन्पोचे (पद्मसंभव) का 8वीं सदी में सिक्किम दौरा यहाँ से सम्बन्धित सबसे प्राचीन विवरण है। अभिलेखित है कि उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया, सिक्किम को आशीष दिया तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी की। मान्यता के अनुसार 14वीं सदी में ख्ये बुम्सा, पूर्वी तिब्बत में खाम के मिन्यक महल के एक राजकुमार को एक रात दैवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला। इनके ही वंशजों ने सिक्किम में राजतन्त्र की स्थापना की। 1642 इस्वी में ख्ये के पाँचवें वंशज फुन्त्सोंग नामग्याल को तीन बौद्ध भिक्षु, जो उत्तर, पूर्व तथा दक्षिण से आये थे, द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल (राजा) घोषित किया गया। इस प्रकार सिक्किम में राजतन्त्र का आरम्भ हुआ।

फुन्त्सोंग नामग्याल के पुत्र, तेन्सुंग नामग्याल ने उनके पश्चात 1670 में कार्य-भार संभाला। तेन्सुंग ने राजधानी को युक्सोम से रबदेन्त्से स्थानान्तरित कर दिया। सन 1700 में भूटान में चोग्याल की अर्ध-बहन, जिसे राज-गद्दी से वंचित कर दिया गया था, द्वारा सिक्किम पर आक्रमण हुआ। तिब्बतियों की सहयता से चोग्याल को राज-गद्दी पुनः सौंप दी गयी। 1717 तथा 1733 के बीच सिक्किम को नेपाल तथा भूटान के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा जिसके कारण रबदेन्त्से का अन्तत:पतन हो गया।[5]

सिक्किम के पुराने राजशाही का ध्वज
1791 में चीन ने सिक्किम की मदद के लिये और तिब्बत को गोरखा से बचाने के लिये अपनी सेना भेज दी थी। नेपाल की हार के पश्चात, सिक्किम किंग वंश का भाग बन गया। पड़ोसी देश भारत में ब्रतानी राज आने के बाद सिक्किम ने अपने प्रमुख दुश्मन नेपाल के विरुद्ध उससे हाथ मिला लिया। नेपाल ने सिक्किम पर आक्रमण किया एवं तराई समेत काफी सारे क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। इसकी वज़ह से ईस्ट इंडिया कम्पनी ने नेपाल पर चढ़ाई की जिसका परिणाम 1814 का गोरखा युद्ध रहा।

सिक्किम और नेपाल के बीच हुई सुगौली संधि तथा सिक्किम और ब्रतानवी भारत के बीच हुई तितालिया संधि के द्वारा नेपाल द्वारा अधिकृत सिक्किमी क्षेत्र सिक्किम को वर्ष 1817 में लौटा दिया गया। यद्यपि, अंग्रेजों द्वारा मोरांग प्रदेश में कर लागू करने के कारण सिक्किम और अंग्रेजी शासन के बीच संबंधों में कड़वाहट आ गयी। वर्ष 1849 में दो अंग्रेज़ अफसर, सर जोसेफ डाल्टन और डाक्टर अर्चिबाल्ड कैम्पबेल, जिसमें उत्तरवर्ती (डाक्टर अर्चिबाल्ड) सिक्किम और ब्रिटिश सरकार के बीच संबंधों के लिए जिम्मेदार था, बिना अनुमति अथवा सूचना के सिक्किम के पर्वतों में जा पहुंचे। इन दोनों अफसरों को सिक्किम सरकार द्वारा बंधी बना लिया गया। नाराज ब्रिटिश शासन ने इस हिमालयी राज्य पर चढाई कर दी और इसे 1835 में भारत के साथ मिला लिया। इस चढाई के परिणाम वश चोग्याल ब्रिटिश गवर्नर के आधीन एक कठपुतली राजा बन कर रह गया।[8]

द्रुल चोर्तेन स्तूप गंगटोक का प्रसिद्ध स्तूप
1947 में एक लोकप्रिय मत द्वारा सिक्किम का भारत में विलय को अस्वीकार कर दिया गया और तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सिक्किम को संरक्षित राज्य का दर्जा प्रदान किया। इसके तहत भारत सिक्किम का संरक्षक हुआ। सिक्किम के विदेशी, राजनयिक अथवा सम्पर्क संबन्धी विषयों की ज़िम्मेदारी भारत ने संभाल ली।

सन 1955 में एक राज्य परिषद् स्थापित की गई जिसके आधीन चोग्याल को एक संवैधानिक सरकार बनाने की अनुमति दी गई। इस दौरान सिक्किम नेशनल काँग्रेस द्वारा पुनः मतदान और नेपालियों को अधिक प्रतिनिधित्व की मांग के चलते राज्य में गडबडी की स्थिति पैदा हो गई। 1973 में राजभवन के सामने हुए दंगो के कारण भारत सरकार से सिक्किम को संरक्षण प्रदान करने का औपचारिक अनुरोध किया गया। चोग्याल राजवंश सिक्किम में अत्यधिक अलोकप्रिय साबित हो रहा था। सिक्किम पूर्ण रूप से बाहरी दुनिया के लिये बंद था और बाह्य विश्व को सिक्किम के बारे मैं बहुत कम जानकारी थी। यद्यपि अमरीकन आरोहक गंगटोक के कुछ चित्र तथा अन्य कानूनी प्रलेख की तस्करी करने में सफल हुआ। इस प्रकार भारत की कार्यवाही विश्व के दृष्टि में आई। यद्यपि इतिहास लिखा जा चुका था और वास्तविक स्थिति विश्व के तब पता चला जब काजी (प्रधान मंत्री) नें 1975 में भारतीय संसद को यह अनुरोध किया कि सिक्किम को भारत का एक राज्य स्वीकार कर उसे भारतीय संसद में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए। अप्रैल 1975 में भारतीय सेना सिक्किम में प्रविष्ट हुई और राजमहल के पहरेदारों को निःशस्त्र करने के पश्चात गंगटोक को अपने कब्जे में ले लिया। दो दिनों के भीतर सम्पूर्ण सिक्किम राज्य भारत सरकार के नियंत्रण में था। सिक्किम को भारतीय गणराज्य मे सम्मिलित्त करने का प्रश्न पर सिक्किम की 97.5 प्रतिशत जनता ने समर्थन किया। कुछ ही सप्ताह के उपरांत 16 मई 1975 मे सिक्किम औपचारिक रूप से भारतीय गणराज्य का 22 वां प्रदेश बना और सिक्किम मे राजशाही का अंत हुआ।

वर्ष 2002 मे चीन को एक बड़ी लज्जा का सामना तब करना पड़ा जब सत्रहवें कर्मापा उर्ग्यें त्रिन्ले दोरजी, जिन्हें चीनी सरकार एक लामा घोषित कर चुकी थी, एक नाटकीय अंदाज में तिब्बत से भाग कर सिक्किम की रुम्तेक मठ मे जा पहुंचे। चीनी अधिकारी इस धर्मसंकट मे जा फँसे कि इस बात का विरोध भारत सरकार से कैसे करें। भारत से विरोध करने का अर्थ यह निकलता कि चीनी सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से सिक्किम को भारत के अभिन्न अंग के रूप मे स्वीकार लिया है।

चीनी सरकार की अभी तक सिक्किम पर औपचारिक स्थिति यह थी कि सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य है जिस पर भारत नें अधिक्रमण कर रख्खा है।[5][9] चीन ने अंततः सिक्किम को 2003 में भारत के एक राज्य के रूप में स्वीकार किया जिससे भारत-चीन संबंधों में आयी कड़वाहट कुछ कम हुई। बदले में भारत नें तिब्बत को चीन का अभिन्न अंग स्वीकार किया।

भारत और चीन के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत चीन ने एक औपचारिक मानचित्र जारी किया जिसमें सिक्किम को स्पष्ट रूप मे भारत की सीमा रेखा के भीतर दिखाया गया। इस समझौते पर चीन के प्रधान मंत्री वेन जियाबाओ और भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने हस्ताक्षर किया। 6 जुलाई 2006 को हिमालय के नाथुला दर्रे को सीमावर्ती व्यापार के लिए खोल दिया गया जिससे यह संकेत मिलता है कई इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच सौहार्द का भाव उत्पन्न हुआ है।[10]

भूगोल

सिक्किम के पश्चिम में हिमालय की चोटियाँ
अंगूठे के आकार का सिक्किम पूरा पर्वतीय क्षेत्र है। विभिन्न स्थानों की ऊँचाई समुद्री तल से 280 मीटर (920 फीट) से 8,585 मीटर (28,000 फीट) तक है। कंचनजंगा यहाँ की सबसे ऊंची चोटी है। प्रदेश का अधिकतर हिस्सा खेती। कृषि के लिये अन्युपयुक्त है। इसके बावजूद कुछ ढलान को खेतों में बदल दिया गया है और पहाड़ी तरीके से खेती की जाती है। बर्फ से निकली कई धारायें मौजूद होने की वजह से सिक्किम के दक्षिण और पश्चिम में नदियों की घाटियाँ बन गईं हैं। यह धारायें मिलकर टीस्ता एवं रंगीत बनाती हैं। टीस्ता को सिक्किम की जीवन रेखा भी कहा जाता है और यह सिक्किम के उत्तर से दक्षिण में बहती है। प्रदेश का एक तिहाई हिस्सा घने जंगलों से घिरा है।

सिक्किम के उत्तर में हिमालय पर्वत श्रंखला

उत्तर सिक्किम में स्थित गुरुडांगमार सरोवर
हिमालय की ऊँची पर्वत श्रंखलाओं ने सिक्किम को उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी दिशाओं मे अर्धचन्द्राकार। अर्धचन्द्र में घेर रखा है। राज्य के अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र अधिकतर राज्य के दक्षिणी भाग मे, हिमालय की कम ऊँचाई वाली श्रंखलाओं मे स्थित हैं। राज्य मे अट्‌ठाइस पर्वत चोटियाँ, इक्कीस हिमानी, दो सौ सत्ताईस झीलें। झील (जिनमे चांगु झील, गुरुडोंग्मार झील और खेचियोपल्री झीलें। खेचियोपल्री झीले शामिल हैं), पाँच गर्म पानी के चश्मे। गर्म पानी का चश्मा और सौ से अधिक नदियाँ और नाले हैं। आठ पहाड़ी दर्रे सिक्किम को तिब्बत, भूटान और नेपाल से जोड़ते हैं।[2]

Cities and towns of Sikkim.
भूतत्व
सिक्किम की पहाड़ियाँ मुख्यतः नेस्ती(gneissose) और अर्द्ध-स्कीस्तीय(half-schistose) पत्थरों से बनी हैं, जिस कारण उनकी मिट्टी भूरी मृत्तिका, तथा मुख्यतः उथला और कमज़ोर है। यहाँ की मिटटी खुरदरी तथा लौह जारेय से थोड़ी अम्लीय है। इसमें खनिजी और कार्बनिक पोषकों का अभाव है। इस तरह की मिट्टी सदाबहार और पर्णपाती वनों के योग्य है।

सिक्किम की भूमि का अधिकतर भाग केम्ब्रिया-पूर्व(Precambrian) चट्टानों से आवृत है जिनकी आयु पहाड़ों से बहुत कम है। पत्थर फ़िलीतियों। फ़िलीत(phyllite) और स्कीस्त से बने हैं इस कारणवश and therefore the slopes are highly susceptible to weathering and prone to erosion. This, combined with the intense rain, causes extensive soil erosion and heavy loss of soil nutrients through leaching. इस के परिणाम स्वरूप यहां आये दिन भूस्खलन होते रहते हैं, जो बहुत से छोटे गावों और कस्बों का शहरी इलाकों से संपर्क विछ्छेद कर देते हैं।[2]

गरम पानी के झरने
सिक्किम में गरम पानी के अनेक झरने हैं जो अपनी रोगहर क्षमता के लिये विख्यात हैं। सबसे महत्वपूर्ण गरम पानी के झरने फुरचाचु, युमथांग, बोराँग, रालांग, तरमचु और युमी सामडोंग हैं। इन सभी झरनों में काफी मात्रा में सल्फर पाया जाना है और ये नदी के किनारे स्थित हैं। इन गरम पानी के झरनों का औसत तापमान 50 °C (सेल्सियस) तक होता है।

मौसम
यहाँ का मौसम जहाँ दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंधी है तो वहीं टुंड्रा प्रदेश के मौसम की तरह है। यद्यपि सिक्किम के अधिकांश आवासित क्षेत्र में, मौसम समशीतोष्ण (टैंपरेट) रहता है और तापमान कम ही 28 °सै (82 °फै) से ऊपर यां 0 °सै (32 °फै) से नीचे जाता है। सिक्किम में पांच ऋतुएं आती हैं: सर्दी, गर्मी, बसंत और पतझड़ और वर्षा, जो जून और सितंबर के बीच आती है। अधिकतर सिक्किम में औसत तापमान लगभग 18 °सै (64 °फै) रह्ता है। सिक्किम भारत के उन कुछ ही राज्यों में से एक है जिनमे यथाक्रम वर्षा होती है। हिम रेखा लगभग 6000 मीटर (19600 फीट) है।

मानसून के महीनों में प्रदेश में भारी वर्षा होती है जिससे काफी संख्या में भूस्खलन होता है। प्रदेश में लगातार बारिश होने का कीर्तिमान 11 दिन का है। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में शीत ऋतु में तापमान -40 °C से भी कम हो जाता है। शीत ऋतु एवं वर्षा ऋतु में कोहरा भी जन जीवन को प्रभावित करता है जिससे परिवहन काफी कठिन हो जाता है।[2]

उपविभाग

सिक्किम के चार जनपद और उनके मुख्यालय
सिक्किम में चार जनपद हैं। प्रत्येक जनपद (जिले) को केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जिलाधिकारी देखता है। चीन की सीमा से लगे होने के कारण अधिकतर क्षेत्रों में भारतीय सेना का बाहुल्य दिखाई देता है। कई क्षेत्रों में प्रवेश निषेध है और लोगों को घूमने के लिये परमिट लेना पड़ता है। सिक्किम में कुल आठ कस्बे एवं नौ उप-विभाग हैं।

यह चार जिले पूर्व सिक्किम, पश्चिम सिक्किम, उत्तरी सिक्किम एवं दक्षिणी सिक्किम हैं जिनकी राजधानियाँ क्रमश: गंगटोक, गेज़िंग, मंगन एवं नामची हैं।[3] यह चार जिले पुन: विभिन्न उप-विभागों में बाँटे गये हैं। “पकयोंग” पूर्वी जिले का, “सोरेंग” पश्चिमी जिले का, “चुंगथांग” उत्तरी जिले का और “रावोंगला” दक्षिणी जिले का उपविभाग है।[11]

जीव-जन्तु एवं वनस्पति

बुरुंश (रोह्डोडैंड्रौन) सिक्क्म का राजवृक्ष है
सिक्किम हिमालय के निचले हिस्से में पारिस्थितिक गर्मस्थान में भारत के तीन पारिस्थितिक क्षेत्रों में से एक बसा हुआ है। यहाँ के जंगलों में विभिन्न प्रकार के जीव जंतु एवं वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। अलग अलग ऊँचाई होने की वज़ह से यहाँ ट्रोपिकल, टेम्पेरेट, एल्पाइन और टुन्ड्रा तरह के पौधे भी पाये जाते हैं। इतने छोटे से इलाके में ऐसी भिन्नता कम ही जगहों पर पाई जाती है।

सिक्किम के वनस्पति में उपोष्णकटिबंधीय से अल्पाइन क्षेत्रों से होने वाली प्रजातियों की एक बड़ी श्रृंखला के साथ रोडोडेंड्रॉन, राज्य पेड़ शामिल है। सिक्किम की निचली ऊंचाई में ऑर्किड, अंजीर, लॉरेल, केला, साल के पेड़ और बांस, जो उप-उष्णकटिबंधीय प्रकार के वातावरण में पनपते हैं। 1,500 मीटर से ऊपर समशीतोष्ण ऊंचाई में, ओक्स, मैपल, बर्च, अल्डर, और मैग्नीओली बड़ी संख्या में बढ़ते हैं। अल्पाइन प्रकार की वनस्पति में जूनिपर, पाइन, एफआईआर, साइप्रस और रोडोडेंड्रॉन शामिल हैं, और आमतौर पर 3,500 मीटर से 5,000 मीटर की ऊंचाई के बीच पाए जाते हैं। सिक्किम में करीब 5,000 फूल पौधे हैं, 515 दुर्लभ ऑर्किड, 60 प्राइम्युलस प्रजातियां, 36 रोडोडेंड्रॉन प्रजातियां, 11 ओक्स किस्मों, 23 बांस की किस्में, 16 शंकुधारी प्रजातियां, 362 प्रकार के फर्न और फर्न सहयोगी, 8 पेड़ के फर्न, और 424 औषधीय पौधों । आर्किड डेंडरोबियम नोबाइल सिक्किम का आधिकारिक फूल है।

जीवों में हिमालयी काला भालू,पहाड़ी तेंदुए, कस्तूरी हिरण, भोरल, हिमालयी ताहर, लाल पांडा, हिमालयी मार्मॉट, सीरो, गोरल, भौंकने वाला हिरण, आम लंगूर, हिमालयी काला भालू, बादलों का तेंदुआ, पत्थरदार बिल्ली, तेंदुए बिल्ली, जंगली कुत्ता, तिब्बती भेड़िया, हॉग बैजर, बिंटूरोंग, जंगल बिल्ली और सिवेट बिल्ली। अल्पाइन ज़ोन में अधिक सामान्यतः पाए जाने वाले जानवरों का मुख्य रूप से उनके दूध, मांस और बोझ उठाने वाले जानवर के रूप में पालन किया जाता है।

सिक्किम के पक्षी जगत में प्रमुख हैं – Impeyan pheasant, the crimson horned pheasant, the snow partridge, the snow cock, the lammergeyer and griffon vultures, as well as golden eagles, quail, plovers, woodcock, sandpipers, pigeons, Old World flycatchers, babblers and robins. यहां पक्षियों की कुल 550 प्रजातियां अभिलिखित की गयी हैं, जिन में से कुछ को विलुप्तप्रायः घोषित किया गया है।[2]

अर्थ-व्यवस्था
वृहत् अर्थव्यवस्थासंबंधी प्रवाह
यह सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी सिक्किम के सकल घरेलू उत्पाद के प्रवाह की एक झलक है (करोड़ रुपयों में)[12]

साल सकल घरेलू उत्पाद
1980 52
1985 122
1990 234
1995 520
2000 971
2003 2378.6 [1]
2004 के आँकड़ों के अनुसार सिक्किम का सकल घरेलू उत्पाद $478 मिलियन होने का अनुमान लगाया गया है।

सिक्किम एक कृषि प्रधान। कृषि राज्य है और यहाँ सीढ़ीदार खेतों में पारम्परिक पद्धति से कृषि की जाती है। यहाँ के किसान इलाईची, अदरक, संतरा, सेब, चाय और पीनशिफ आदि की खेती करते हैं।[3]चावल राज्य के दक्षिणी इलाकों में सीढ़ीदार खेतों में उगाया जाता है। सम्पूर्ण भारत में इलाईची की सबसे अधिक उपज सिक्किम में होती है। पहाड़ी होने के बावजूद यह पर बहुत औद्योगिक इकाइयां है। ज्यादातर दवा उद्योग । जैसे सन फार्मा। आदि। यहा उद्योग तेज़ी से पनप रहे है भारत के कई राज्यो से लोग यह नौकरी के लिए आते है।मद्यनिर्माणशाला, मद्यनिष्कर्षशाला, चर्म-उद्योग तथा घड़ी-उद्योग सिक्किम के मुख्य उद्योग हैं। यह राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित हैं- मुख्य रूप से मेल्ली और जोरेथांग नगरों में। राज्य में विकास दर 8.3% है, जो दिल्ली के पश्चात राष्ट्र भर में सर्वाधिक है।[13]

इलायची सिक्किम की मुख्य नकदी फसल है
हाल के कुछ वर्षों में सिक्किम की सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना प्रारम्भ किया है। सिक्किम में पर्यटन का बहुत संभावना है और इन्हीं का लाभ उठाकर सिक्किम की आय में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। आधारभूत संरचना में सुधार के चलते, यह उपेक्षा की जा रही है पर्यटन राज्य में अर्थव्यवस्था के एक मुख्य आधार के रूप में सामने आयेगा। ऑनलाइन सट्टेबाजी राज्य में एक नए उद्योग के रूप में उभर कर आया है। “प्लेविन” जुआ, जिसे विशेष रूप से तैयार किए गए अंतकों पर खेला जाता है, को राष्ट्र भर में खूब वाणिज्यिक सफलता हासिल हुई है।[14][14] राज्य में प्रमुख रूप से ताम्बा, डोलोमाइट, चूना पत्थर, ग्रेफ़ाइट, अभ्रक, लोहा और कोयला आदि खनिजों का खनन किया जाता है।[15]

जुलाई 6, 2006 को नाथूला दर्रा, जो सिक्किम को ल्हासा, तिब्बत से जोड़ता है, के खुलने से यह आशा जतायी जा रही है कि इससे सिक्किम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, भले वे धीरे-धीरे ही देखने को मिलें। यह दर्रा, जो 1962 में 1962 भारत-चीन युद्ध। भारत-चीन युद्ध के पश्चात बंद कर दिया गया था, प्राचीन रेशम मार्ग का एक हिस्सा था और ऊन, छाल और मसालों। मसाला के व्यापार में सहायक था।[10]

परिवहन
सिक्किम में कठिन भूक्षेत्र के कारण कोई [[हवाई अड्डा नही था पर अभी एक हवाई अड्डा बन गया है। अथवा रेल स्टेशन नहीं है। समीपतम दूसरा हवाईअड्डा। बागडोगरा हवाई अड्डा है। यह हवाईअड्डा गंगटोक से 124 कि0मी0 दूर है। गंगटोक से बागदोगरा के लिये सिक्किम हेलीकॉप्टर सर्विस द्वारा एक हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है जिसकी उड़ान 30 मिनट लम्बी है, दिन में केवल एक बार चलती है और केवल 4 लोगों को ले जा सकती है।[16] गंगटोक हैलीपैड राज्य का एकमात्र असैनिक हैलीपैड है। निकटतम रेल स्टेशन नई जलपाईगुड़ी में है जो सिलीगुड़ी से 16 किलोमीटर। कि0मी0 दूर है।[3]

राष्ट्रीय राजमार्ग 31A सिलीगुड़ी को गंगटोक से जोड़ता है। यह एक सर्व-ऋतु मार्ग है तथा सिक्किम में रंग्पो पर प्रवेश करने के पश्चात तीस्ता नदी के समानान्तर चलता है। अनेक सार्वजनिक अथवा निजी वाहन हवाई-अड्डे, रेल-स्टेशन तथा और सिलिगुड़ी को गंगटोक से जोड़ते हैं। मेल्ली से आने वाले राजमार्ग की एक शाखा पश्चिमी सिक्किम को जोड़ती है। सिक्किम के दक्षिणी और पश्चिमी शहर सिक्किम को उत्तरी पश्चिमी बंगाल के पर्वतीय शहर कलिम्पोंग और दार्जीलिंग से जोड़ते हैं। राज्य के भीतर चौपहिया वाहन लोकप्रिय हैं क्योंकि यह राज्य की चट्टानी चढ़ाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम होते हैं। छोटी बसें राज्य के छोटे शहरों को राज्य और जिला मुख्यालयों से जोड़ती हैं।[3]

जनसांख्यिकी

Circle frame.svg
Religion in Sikkim (2011)[17]
██ हिन्दू (57.8%)
██ बौद्ध (27.3%)
██ ईसाई (9.9%)
██ मुसलमान (1.4%)
██ अन्य (3.7%)
मानवजातीय रूप से सिक्किम के अधिकतर निवासी नेपाली हैं जिन्होंने प्रदेश में उन्नीसवीं सदी में प्रवेश किया। भूटिया सिक्किम के मूल निवासियों में से एक हैं, जिन्होंने तिब्बत के खाम जिले से चौदवीं सदी में पलायन किया और लेप्‍चा, जो स्थानीय मान्यतानुसार सुदूर पूर्व से आये माने जाते हैं। प्रदेश के उत्तरी तथा पूर्वी इलाक़ों में तिब्बती बहुतायत में रहते हैं। अन्य राज्यों से आकर सिक्किम में बसने वालों में प्रमुख हैं मारवाड़ी लोग। मारवाड़ी, जो दक्षिण सिक्किम तथा गंगटोक में दुकानें चलाते हैं;बिहारी जो अधिकतर श्रमिक हैं; तथा बंगाली लोग। बंगाली।

हिन्दू धर्म राज्य का प्रमुख धर्म है जिसके अनुयायी राज्य में 60.9% में हैं।[18] बौद्ध धर्म के अनुयायी 28.1% पर एक बड़ी अल्पसंख्या में हैं।[18] सिक्किम में ईसाई। ईसाइयों की 6.7% आबादी है जिनमे मूल रूप से अधिकतर वे लेपचा हैं जिन्होंने उन्नीसवीं सदी के उत्तरकाल में संयुक्त राजशाही। अंग्रेज़ीधर्मोपदेशकों के प्रचार के बाद ईसाई मत अपनाया। राज्य में कभी साम्प्रदायिक तनाव नहीं रहा। मुसलमानों की 1.4% प्रतिशत आबादी के लिए गंगटोक के व्यापारिक क्षेत्र में और मंगन में मस्जिद। मस्जिदें हैं।[18]

नेपाली सिक्किम का प्रमुख भाषा है। सिक्किम में प्रायः अंग्रेज़ी और हिन्दी भी बोली और समझी जाती हैं। यहाँ की अन्य भाषाओं मे भूटिया, जोंखा, ग्रोमा, गुरुंग, लेप्चा, लिम्बु, मगर, माझी, मझवार, नेपालभाषा, दनुवार, शेर्पा, सुनवार भाषा। सुनवार, तामाङ, थुलुंग, तिब्बती और याक्खा शामिल हैं।[3][19]

5,40,493 की जनसंख्या के साथ सिक्किम भारत का न्यूनतम आबादी वाला राज्य है,[20] जिसमें पुरुषों की संख्या 2,88,217 है और महिलाओं की संख्या 2,52,276 है। सिक्किम में जनसंख्या का घनत्व 76 मनुष्य प्रतिवर्ग किलोमीटर है पर भारत में न्यूनतम है। विकास दर 32.98% है (1991-2001)। लिंगानुपात 875 स्त्री प्रति 1000 पुरुष है। 50,000 की आबादी के साथ गंगटोक सिक्किम का एकमात्र महत्तवपूर्ण शहर है। राज्य में शहरी आबादी लगभग 11.06% है।[11] प्रति व्यक्ति आय 11,356 रु0 है, जो राष्ट्र के सबसे सर्वाधिक में से एक है।[19]

रुमटेक मठ
संस्कृति

ल्होसारके दौरान लाचुंग में गुम्पा नृत्य
सिक्किम के नागरिक भारत के सभी मुख्य हिन्दू त्योहारों जैसे दीपावली और दशहरा, मनाते हैं। बौद्ध धर्म के ल्होसार, लूसोंग, सागा दावा, ल्हाबाब ड्युचेन, ड्रुपका टेशी और भूमचू वे त्योहार हैं जो मनाये जाते हैं। लोसर – तिब्बती नव वर्ष लोसर, जो कि मध्य दिसंबर में आता है, के दौरान अधिकतर सरकारी कार्यालय एवं पर्यटक केन्द्र हफ़्ते भर के लिये बंद रहते हैं। गैर-मौसमी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये हाल ही में बड़ा दिन। बड़े दिन को गंगटोक में प्रसारित किया जा रहा है।[21]

पाश्चात्य रॉक संगीत यहाँ प्रायः घरों एवं भोजनालयों में, गैर-शहरी इलाक़ों में भी सुनाई दे जाता है। हिन्दी संगीत ने भी लोगों में अपनी जगह बनाई है। विशुद्ध नेपाली रॉक संगीत, तथा पाश्चात्य संगीत पर नेपाली काव्य भी काफ़ी प्रचलित हैं। फुटबॉल एवं क्रिकेट यहाँ के सबसे लोकप्रिय खेल हैं।

नूडल पर आधारित व्यंजन जैसे थुक्पा, चाउमीन, थान्तुक, फाख्तु, ग्याथुक और वॉनटनसर्वसामान्य हैं। मःम, भाप से पके और सब्जियों से भरे पकौडि़याँ, सूप के साथ परोसा हुआ भैंस का माँस। भैंस अथवा सूअर का माँस। सुअर का माँस लोकप्रिय लघु आहार है। पहाड़ी लोगों के आहार में भैंस, सूअर, इत्यादि के माँस की मात्रा बहुत अधिक होती है। मदिरा पर राज्य उत्पाद शुल्क कम होने के कारण राज्य में बीयर, विस्की, रम और ब्रांडी इत्यादि का सेवन किया जाता है।

सिक्किम में लगभग सभी आवास देहाती हैं जो मुख्यत: कड़े बाँस के ढाँचे पर लचीले बाँस का आवरण डाल कर बनाये जाते हैं। आवास में ऊष्मा का संरक्षण करने के लिए इस पर गाय के गोबर का लेप भी किया जाता है। राज्य के अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर लकड़ी के घर बनाये जाते हैं।

राजनीति और सरकार

सिक्किम की विधान सभा (गंतोक में स्थित)

The White Hall complex houses the residences of the Chief Minister and Governor of Sikkim.
भारत के अन्य राज्यों के समान, केन्द्रिय सरकार द्वारा निर्वाचित राज्यपाल राज्य शासन का प्रमुख है। उसका निर्वाचन मुख्यतः औपचारिक ही होता है, तथा उसका मुख्य काम मुख्यमंत्री के शपथ-ग्रहण की अध्यक्षता ही होता है। मुख्यमंत्री, जिसके पास वास्तविक प्रशासनिक अधिकार होते हैं, अधिकतर राज्य चुनाव में बहुमत जीतने वाले दल अथवा गठबंधन का प्रमुख होता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री के परामर्श पर मंत्रीमण्डल? नियुक्त करता है। अधिकतर अन्य राज्यों के समान सिक्किम में भी एकसभायी (एकसदनी? unicameral) सदन वाली विधान सभा ही है। सिक्किम को भारत की द्विसदनी विधानसभा के दोनों सदनों, राज्य सभा तथा लोक सभा में एक-एक स्थान प्राप्त है। राज्य में कुल 32 विधानसभा सीटें? हैं जिनमें से एक बौद्ध संघ के लिए आरक्षित है। सिक्किम उच्च न्यायालय देश का सबसे छोटा उच्च न्यायालय है।[22]

State symbols[3]
राज्य पशु लाल पाण्डा
राज्य पक्षी रक्त महूका?
राज्य वृक्ष बरुंश?
राज्य फूल पीनशिफ?
1975 में, राजतंत्र के अंत के उपरांत, कांग्रेस को 1977 के आम चुनावों में बहुमत प्राप्त हुआ। अस्थिरता के एक दौर के बाद, 1979 में, सिक्किम संग्राम परिषद पार्टी के नेता नर बहादुर भंडारी के नेतृत्व में एक लोकप्रिय मंत्री परिषद का गठन हुआ। इस के बाद, 1984 और 1989 के आम चुनावों में भी भंडारी ही विजयी रहे। 1994 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रन्ट के पवन कुमार चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री बने। 1999 और 2004 के चुनावों में भी विजय प्राप्त कर, यह पार्टी अभी तक सिक्किम में राज कर रही है।[8][16] सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के नए मुख्यमंत्री बनाए गए। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद प्रेम सिंह ने सिक्किम के राज्य कर्मचारियों के लिए सप्ताह में दो दिन(शनिवार व रविवार) छुट्टी की घोषणा की।

अवसंरचना

तिब्ब्त विज्ञान संग्रहालय एवं शोध केन्द्र
सिक्किम की सड़कें बहुधा भूस्खलन तथा पास की धारों द्वारा बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, परन्तु फिर भी सिक्किम की सड़कें अन्य राज्यों की सड़कों की तुलना में बहुत अच्छी हैं। सीमा सड़क संगठन(BRO), भारतीय सेना का एक अंग इन सड़कों का रख-रखाव करता है। दक्षिणी सिक्किम तथा रा0रा0-31अ की सड़कें अच्छी स्थिति में हैं क्योंकि यहाँ भूस्खलन की घटनाएँ कम है। राज्य सरकार 1857.35 कि0मी0 का वह राजमार्ग जो सी0स0सं0 के अन्तर्गत नहीं आता है, का रख-रखाव करती है।[11]

सिक्किम में अनेक जल विद्युत बिजली स्टेशन (केन्द्र) हैं जो नियमित बिजली उपलब्ध कराते हैं, परन्तु संचालन शक्ति अस्थिर है तथा स्थायीकारों (stabilisers) की आवश्यकता पड़ती है। सिक्किम में प्रतिव्यक्ति बिजली प्रयोग 182 kWh है। 73.2% घरों में स्वच्छ जल सुविधा उपलब्ध है,[11] तथा अनेक धाराओं के परिणाम स्वरूप राज्य में कभी भी अकाल या पानी की कमी की परिस्थितियाँ उत्पन्न नहीं हुई हैं। टिस्टा नदी पर कई जलविद्युत केन्द्र निर्माणशील हैं तथा उनका पर्यावरण पर प्रभाव एक चिन्ता का विषय है।

पत्राचार

रुम्टेक विहार सिक्किम की सबसे प्रसिद्ध धरोहर है तथा वर्ष 2000 में यह समाचारों में थी
दक्षिणी नगरीय क्षेत्रों में अंग्रेजी, नेपाली तथा हिन्दी के दैनिक पत्र हैं। नेपाली समाचार-पत्र स्थानीय रूप से ही छपते हैं परन्तु हिन्दी तथा अंग्रेजी के पत्र सिलिगुड़ी में। सिक्किम में नेपाली भाषा में प्रकाशित समाचार पत्रों की मांग विगत दिनों में बढ़ी हैं। समय दैनिक, हाम्रो प्रजाशक्ति, हिमाली बेला और सांगीला टाइमस् इत्यादि नेपाली समाचार पत्र गंगटोक से प्रकाशित होते हैं जिनमें हाम्रो प्रजाशक्ति राज्य का सबसे बड़ा और लोकप्रिय समाचार पत्र है। अंग्रेजी समाचार पत्रों में सिक्किम नाओ और सिक्किम एक्सप्रेस, हिमालयन मिरर स्थानीय रूप से छपते हैं तथा द स्टेट्समैन तथा द टेलेग्राफ़ सिलिगुड़ी में छापे जाते हैं जबकि द हिन्दू तथा द टाइम्स ऑफ़ इन्डिया कलकत्ता में छपने के एक दिन पश्चात् गंगटोक, जोरेथांग, मेल्ली तथा ग्याल्शिंग पहुँच जाते हैं। सिक्किम हेराल्ड सरकार का आधिकारिक साप्ताहिक प्रकाशन है। हाल-खबर सिक्किम का एकमात्र अंतर्राष्ट्रिय समाचार का मानकीकृत प्रवेशद्वार है। सिक्किम सें 2007-में नेपाली साहित्य का ऑनलाइन पत्रिका टिस्टारंगीत शुरु हुई है जिस का संचालन साहित्य सिर्जना सहकारी समिति लिमिटेड] करती है।

अन्तर्जाल सुविधाएँ जिला मुख्यालयों में तो उपलब्ध हैं परन्तु ब्रॉडबैंड सम्पर्क उपलब्ध नहीं है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अभी अन्तर्जाल सुविधा उपलब्ध नहीं है। थाली विद्युत-ग्राहकों (Dish antennae) द्वारा अधिकतर घरों में उपग्रह दूरदर्शन सरणि (satellite television channels) उपलब्ध हैं। भारत में प्रसारित सरणियों के अतिरिक्त नेपाली भाषा के सरणि भी प्रसारित किये जाते हैं। सिक्किम केबल, डिश टी0 वी0, दूरदर्शन तथा नयुम (Nayuma) मुख्य सेवा प्रदाता हैं। स्थानीय कोष्ठात्मक दूरभाष सेवा प्रदाताओं (cellular phone service provider) की अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिनमें भा0सं0नि0लि0 की सुविधा राज्य-विस्तृत है परन्तु रिलायन्स इन्फ़ोकॉम तथा एयरटेल केवल नगरीय क्षेत्रों में है। राष्ट्रिय अखिल भारतीय आकाशवाणी राज्य का एकमात्र आकाशवाणी केन्द्र है।[23]

शिक्षा
साक्षरता प्रतिशत दर 69.68% है, जो कि पुरुषों में 76.73% तथा महिलाओं में 61.46% है। सरकारी विद्यालयों की संख्या 1545 है तथा 18 निजी विद्यालय भी हैं जो कि मुख्यतः नगरों में हैं।[11] उच्च शिक्षा के लिये सिक्किम में लगभग 12 महाविद्यालय तथा अन्य विद्यालय हैं। सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय आभियान्त्रिकी, चिकित्सा तथा प्रबन्ध के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्रदान करता है। वह अनेक विषयों में दूरस्थ शिक्षा भी प्रदान करता है। राज्य-संचालित दो बहुशिल्पकेंद्र, उच्च तकनीकी प्रशिक्षण केन्द्र (Advanced Technical Training Centre) तथा संगणक एवं संचार तकनीक केन्द्र (Centre for Computers and Communication Technology) आदि आभियान्त्रिकी की शाखाओं में सनद पाठ्यक्रम चलाते हैं। ATTC बारदांग, सिंगताम तथा CCCT चिसोपानि,नाम्ची में है। अधिकतर विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिये सिलीगुड़ी अथवा कोलकाता जाते हैं। बौद्ध धार्मिक शिक्षा के लिए रुमटेक गोम्पा द्वारा संचालित नालन्दा नवविहार एक अच्छा केंद्र है।

Previous Post

हिमाचल प्रदेश

Next Post

मां तू कितनी अच्छी है, पतझड़ तू ही सहती है

Janlok india times news bureau

Janlok india times news bureau

Next Post

मां तू कितनी अच्छी है, पतझड़ तू ही सहती है

  • Trending
  • Comments
  • Latest
नोएडा: बाथरूम में नहा रही लड़की का वीडियो बनाया, विरोध करने पर पीटा

नोएडा: बाथरूम में नहा रही लड़की का वीडियो बनाया, विरोध करने पर पीटा

December 23, 2020

हिमाचल प्रदेश

January 8, 2020

सब्ज़ी मेकर (लघुकथा)

October 28, 2019

डॉ. गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’

January 13, 2020

बावरा मन

0

शब्दों का सफर

0

सब्ज़ी मेकर (लघुकथा)

0

सिक्किम

0
बेखौफ बदमाशों ने परिवार पर किया हमला, प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद…6 लोग घायल

खुदाई में मिट्टी धंसने से तीन श्रमिक दबे, एक की मौत; अब पुलिस कर रही है ठेकेदार से पूछताछ

May 8, 2025
छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

May 8, 2025
पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

May 8, 2025
तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

May 8, 2025

लेटेस्ट न्यूज़

बेखौफ बदमाशों ने परिवार पर किया हमला, प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद…6 लोग घायल

खुदाई में मिट्टी धंसने से तीन श्रमिक दबे, एक की मौत; अब पुलिस कर रही है ठेकेदार से पूछताछ

May 8, 2025
छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

May 8, 2025
पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

May 8, 2025
तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

May 8, 2025
Janlok India Times news

Janlokindiatimes.com : is one of the best news channel in delhi/ncr

Follow us

  • facebook
  • x
  • instagram

Browse by Category

  • Top News
  • Uncategorized
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड
  • कथा-कहानी
  • कविता
  • कश्मीर
  • खेल
  • ग़ज़ल
  • जम्मू
  • दिल्ली एनसीआर
  • पश्चिम बंगाल
  • बड़ी खबरें
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • मनोरंजन
  • महाराष्ट्र
  • महिला
  • मीडिया
  • मुख्य समाचार
  • युवा
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • राज्य
  • राशिफल
  • विदेश
  • विशेष
  • वीडियो गैलरी
  • व्यंग्य
  • व्यापार
  • सिक्किम
  • स्वास्थ्य
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश

अभी अभी

बेखौफ बदमाशों ने परिवार पर किया हमला, प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद…6 लोग घायल

खुदाई में मिट्टी धंसने से तीन श्रमिक दबे, एक की मौत; अब पुलिस कर रही है ठेकेदार से पूछताछ

May 8, 2025
छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

छात्रा को अगवा कर चलती कार में किया Rape, 2 बार बनाया शिकार…आरोपी सड़कों पर घूमाते रहे कार

May 8, 2025
पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

पलवल में किशोर ने किया सुसाइड, परिवार में पसरा मातम, पिता ने कहा- होनहार था बेटा

May 8, 2025
तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

तेज आंधी में मौत ने दी दस्तक, चलती कार पर गिरा पेड़… 2 की मौके पर दर्दनाक मौत

May 8, 2025
  • Home
  • Disclamer
  • Programs
  • Bank Details
  • Contact us

Copyright © 2020 Janlokindiatimes.com | This is Owned By Janlok India Times

No Result
View All Result
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल

Copyright © 2020 Janlokindiatimes.com | This is Owned By Janlok India Times

error: Content is protected !!
  • →
  • WhatsApp
  • Live TV Live TV