• Home
  • Disclamer
  • Programs
  • Bank Details
  • Contact us
Janlok India Times news
Advertisement
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल
No Result
View All Result
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल
No Result
View All Result
Janlok India Times news
No Result
View All Result
Home राज्य

मणिपुर

suraj singh by suraj singh
January 8, 2020
in राज्य
0
0
SHARES
3
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
मणिपुर

संपर्क भाषा भारती वेब-पोर्टल को मणिपुर से प्रतिनिधियों की आवश्यकता है…

मणिपुर
মনিপুর
राजधानी इम्फाल
सबसे बड़ा शहर इम्फाल
जनसंख्या 28,55,794

  • घनत्व 129 /किमी²
    क्षेत्रफल 22,347 किमी²
  • ज़िले 16
    राजभाषा मणिपुरी[1]
    गठन 21 जनवरी 1972
    सरकार मणिपुर सरकार
  • राज्यपाल नजमा हेपितुल्ला
  • मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (भाजपा)
  • विधानमण्डल एकसदनीय
    विधान सभा (60 सीटें)
  • भारतीय संसद राज्य सभा (1 सीट)
    लोक सभा (2 सीटें)
  • उच्च न्यायालय मणिपुर उच्च न्यायालय
    डाक सूचक संख्या 795
    वाहन अक्षर MN
    आइएसओ 3166-2 IN-MN
    www.manipur.gov.in
    मणिपुर भारत का एक पूर्वोत्तर राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं: उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम, और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा 1992 में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है।

परिचय
मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है। भारत की स्वतंत्रता के पहले यह रियासत थी। आजादी के बाद यह भारत का एक केंद्रशासित राज्य बना। यहाँ की राजधानी साँचा:Highlighted {{इम्फाल है। यह संपूर्ण भाग पहाड़ी है। जलवायु गरम एवं तर है तथा वार्षिक वर्षा का औसत 65 इंच है। यहाँ नागा तथा कूकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ के लोग संगीत तथा कला में बड़े प्रवीण होते हैं। यहाँ यद्यपि कई बोलियाँ बोली जाती हैं। पहाड़ी ढालों पर चाय तथा घाटियों में धान की उपजें प्रमुख हैं। यहीं से होकर एक सड़क बर्मा को जाती है।

काङ्ला शा : मणिपुर का राजचिह्न
इस राज्य में प्राकृतिक संसाधनों का प्रचुर भंडार है। यहां की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है। यहां तरोताजा करने वाले जल-प्रपात है; रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे हैं, दुर्लभ वनस्पतियां व जीव-जंतु हैं, पवित्र जंगल हैं, हमेशा बहने वाली नदियां हैं, पर्वतों-पहाड़ियों पर बिखरी हरी विभा है और टेढ़े-मेढ़े गिरने वाले झरने हैं। [[साँचा:Highlighted लोकटक झील]] यहां की एक महत्वपूर्ण झील है। भौतिक आधार पर राज्य- को दो भागों में बांटा जा सकता है, पहाड़ियां व घाटियां। चारों ओर पहा‍ड़ियां हैं और बीच में घाटी है। इस प्रकार प्रकृति की प्राचीन गौरव है। राज्य की कला व संस्कृरति समृद्ध है जो विश्व मानचित्र पर इसकी समृद्धि को दर्शाती है।

महाभारतकालीन मणिपुर
महाभारतकालीन प्राचीन मणिपुर राजकुमारी चित्रांगदगा, अर्जुन पचात पुत्रो बब्रुवाहन से उल्लेख मिलते हैं। महाभारत में योद्धा बाबरूवासन, अर्जुन और मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा के पुत्र थे। महारथी अर्जुन राजा चित्रवहाना की पुत्री चित्रांगदा के साथ प्रेम हुवा था। मणिपुर भ्रमण के दौरान अर्जुन ने चतरंगड़ा को सतरंगी शिरोइ लिली फूल देकर प्रभावित किया था जो आज भी बिष्णुप्रिया मणिपुरी नाम के सम्प्रदाय की पौराणिक वर्णन में पाए जाते हैं।

सतरंगी शिरोइ लिली

सतरंगी शिरोइ लिली
मणिपुर को देश की ‘ऑर्किड बास्केट’ भी कहा जाता है। यहाँ ऑर्किड पुष्प की 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। समुद्र तल से लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिरोइ पहाड़ियों में एक विशेष प्रकार का पुष्प शिरोइ लिली पाया जाता है। शिरोइ लिली का यह फूल पूरे विश्व में केवल मणिपुर में ही पैदा होता है। इस अनोखे और दुर्लभ पुष्प की खोज फ्रैंक किंग्डम वॉर्ड नामक एक अंग्रेज ने 1946 में की थी। यह खास लिली केवल मानसून के महीने में पैदा होता है। इसकी विशेषता यह है कि इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमे सात रंग दिखाई देते हैं। इस अनोखे लिली को 1948 में लन्दन स्थित रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी ने मेरिट प्राइज से भी नवाजा था। हर वर्ष उखरूल जिले में शिरोइ लिली फेस्टिवल का आयोजन बड़ी धूम धाम से होता है। इसे देखने दूर दूर से लोग मणिपुर आते हैं।

मणिपुर के लोग

1891 में हुआ अंग्रेज-मणिपुरी युद्ध
यहां तीन प्रमुख जनजातियां निवास करती हैं। घाटी में मीतई जनजाति और बिष्णुप्रिया मणिपुरी रहती है तो नागा और कूकी-चिन जनजातियां पहा‍ड़ियों पर रहती हैं। प्रत्येक जनजाति वर्ग की खास संस्कृति और रीति रिवाज हैं जो इनके नृत्य, संगीत व पारंपरिक प्रथाओं से दृष्टिगोचर होता है। मणिपुर के लोग कलाकार होते हैं साथ ही सृजनशील होते हैं जो उनके द्वारा तैयार खादी व दस्तकारी के उत्पादों में झलकती है। ये उत्पाद विश्वभर में अपनी डिज़ाइन, कौशल व उपयोगिता के लिए जाने जाते हैं। यहां नेपाल से आकर बसे नेपालियों की भी काफी संख्या है, जो मणिपुर के कई इलाकों में बसे हैं।

भौगोलिक स्थिति
भारत के पूर्वी सीमा पर स्थित यह राज्य 23.83 डिग्री उत्तार और 25.68 डिग्री उत्तरी अक्षांश व 94.78 डिग्री पूर्वी देशांतर के बीच पड़ता है। एक ओर तो पूर्व में म्यांमार है तो नागालैंड उत्तर-पश्चिम दिशा में हैं, तो मिज़ोरम दक्षिण में है। यह पूरे 22,327 किलोमीटर में फैला है।

मणिपुर की भौगोलिक स्थिति दर्शनीय है। उत्तरी तथा पूर्वी इलाकों में ऊंची पहाडियां है और मध्य भाग में मैदानी समतल है। यहां हर पहाड़ के बीच में कोई न कोई नदी बहती हैं। इम्फाल नदी यहां की प्रमुख नदी है।

अर्थव्यवस्था
कृषि व कृषि आधारित उद्योग अर्थव्यवस्था का आधार हैं। राज्य सूचना प्राद्योगिकी आधारित व्यवसायों के लिए एक उपयुक्त स्थान है। यहां उच्च शिक्षा की व्यवस्था है, यहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं, खासकर कृषि व खाद्य प्रसंस्कथरण के क्षेत्र में. हथकरघा, दस्तकारी और पर्यटन के क्षेत्र में कई संभावनाएं है। इन क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई नीतियां तैयार की हैं साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के कई प्रोत्साहन देने की भी घोषणा की गयी है।

पर्यटन

कीबुल राष्ट्रीय उद्यान में संगै (मणिपुर का राज्य पशु)

मणिपुर का पारम्परिक पोलो
अपनी विविध वनस्पतियों व जीव-जंतुओं के कारण मणिपुर को ‘भारत का आभूषण’ व ‘पूरब का स्विट्जरलैंड’ आदि विविध नामों से संबोधित किया जाता है। लुभाने वाले प्राकृतिक दृश्यों, में विलक्षण फूल-पौधे, निर्मल वन, लहराती नदियां, पहाड़ियों पर छाई हरियाली शामिल है। इन सबके अलावा पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं जो राज्य में पर्यटन के विकास के लिए उत्कृष्ठ अवसर प्रदान करता हैं।

श्री गोविंद जी मंदिर, खारीम बंद बाजार (इमा कैथल) युद्ध कब्रिस्तान, शहीद मीनार, नुपी सान (महिलाओं का युद्ध) मेमोरियल कॉम्लेार क्सा, खोंघापत उद्यान, आईएनए मेमोरियल (मोइरांग), लोकटक झील, कीबुल लामजो राष्ट्रीय उद्यान, विष्णुपुर स्थित विष्णु मंदिर, सेंड्रा, मोरेह सिराय गांव, सिराय की पहा‍ड़ियां, डूको घाटी, राजकीय अजायबघर, कैना पर्यटक निवास, खोंगजोम वार मेमोरियल आदि मणिपुर के कुछ महत्व पूर्ण पर्यटक स्थल है। मणिपुर देश के सुदूर उत्तरपूर्वी छोर पर स्थित है और, इसका अधिकांश पहा‍ड़ियों से घिरा हुआ है। यहां निवेश के कई अवसर हैं। यहां कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां निवेशकों को आकर्षित करने के लिए काफी संभावनाएं हैं।

यहां के दर्शनीय स्थलों में इम्फाल, उख्रुल प्रसिद्ध हैं। इम्फाल में कांग्ला पार्क, गोविंद मन्दिर वहां के बाजार, टीकेन्द्रजित पार्क प्रसिद्ध हैं तो उख्रुल की पहाड़ियां प्रसिद्ध हैं। चुडाचांदपुर जिले में लोकतक झील प्रसिद्ध हैं।

मणिपुर में प्रवेश करने वाले विदेशियों को, चाहे वे यहां जन्मे हों, प्रतिबंधित क्षेत्र पर्मिट लेना आवश्यक होता है। यह चारों मुख्य महानगरों में स्थित विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से मिलता है। यह पर्मिट मात्र दस दिन के लिए वैध होता है, व सैलानी यहां भ्रमण करने के लिए प्राधिकृत ट्रैवल एजेंट द्वारा वयवस्थित चार लोगों के समूहों में ही जा सकते हैं। साथ ही विदेशी सैलानी यहां वायुयान द्वारा ही आ सकते हैं और उन्हें राजधानी इंफाल के बाहर घूमने की आज्ञा नहीं है।

कृषि और खाद्य प्रसंस्करण
राज्य में कृषि के अनुकूल परिस्थितियां हैं। यहां की जलवायु और मिट्टी, कृषि व बागवानी वाली प्राय: सभी फसलें उगाने के लिए उपयुक्त है। राज्य में प्रचुर मात्रा में धान, गेहूं, मक्का, दलहन व तिलहन (जैसे तेल, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी आदि) की खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न फलों जैसे अनानास, नींबू, केला, नारंगी आदि और सब्जियां जैसे फूलगोभी, बंदगोभी, टमाटर व मटर आदि का उत्पादन किया जाता है। इसके फलस्वरूप खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, कृषि, बागवानी, मछली पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन और वनों के विविधीकरण तथा वाणिज्यीकरण में एक महत्व्पूर्ण भूमिका निभाता है। इस उद्योग के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने इंफाल में ‘खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण केंद्र और ‘खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण हॉल’ की स्थापना की है। इंफाल में एक खाद्य पार्क की भी स्थापना की जा रही है।

हथकरघा

इम्फाल के इमा बाजार का दृष्य
हथकरघा उद्योग राज्य का सबसे बड़ा कुटीर उद्योग है। यहां यह उद्योग अनादि काल से फल-फूल रहा है। राज्यथ में यह सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध् करा रहा है खासकर महिलाओं को। मणिपुर के प्रमुख हथकरघा उत्पाकद साड़ी, चादर, पर्दे, फैशनवाले कपड़े, स्काधर्फ व तकिए के कवर आदि है। अधिकांश जुलाहे जिन्हेंथ हुनर व महीन डिजाइनिंग के लिए जाना जाता है। वे वांग खाई बायोन कांपू, कोंगमान, खोंग मैन उल्लालऊ आदि से हैं जो उत्कृमष्टन सिल्कन आदि उत्पामदों के लिए प्रसिद्ध हैं। मणिपुरी कपड़े व शॉलों की राष्ट्रीगय व अंतरराष्ट्री य बाजारों में काफी मांग है। तीन सरकारी एजेंसियां हथकरघा उत्पाोदन का काम करती हैं ये हैं

मणिपुर डेवलपमेंट सोसायटी (एमडीएस)
मणिपुर हैंडलूम एंड हैडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कॉपोरेशन (एमएचएचडीसी)
मणिपुर स्टेट हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी (एमएसएचडब्यूज सीएस)
हस्तशिल्प
देश की विभिन्न हस्तशिल्प कलाओं में राज्य के हस्तशिल्प उद्योग का अनूठा स्थान है। इसके अंतर्गत बेंत व बांस के बने उत्पादों के साथ-साथ मिट्टी के बर्तन बनाने की संस्कृति भी शामिल है। मणिपुर में मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रथा काफी पुरानी है और यह उद्यम मुख्यत: एंड्रो, सिकमाई, चैरन, थोगजाओ, नुंगवी व सेनापति जिले में किया जाता है। चूंकि बांस व बेंत काफी मात्रा में उपलब्ध है, टोकरी बुनना यहां के लोगों का लोकप्रिय व्यवसाय बन गया है। इसके अतिरिक्ति मछली मारने के उपकरण भी बेंत व बांस के बनाए जाते हैं। घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इन सभी उत्पादों की काफी मांग है।

सूचना प्रौद्योगिकी
राज्य में आईटी उद्योग की प्रचुर संभावना को देखते हुए मणिपुर सरकार इलेक्ट्रॉ निकी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को विकास के एक महत्वौपूर्ण क्षेत्र के रूप में उच्चह प्राथमिकता देती है। राज्यर में सक्रिय जन शक्ति और गुणवत्तापूर्ण कार्य बल हैं जो ऐसे उद्योगों के लिए अनुकूल हैं। राज्यं में इलेक्ट्रॉ निकी और सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों के विकास के लिए और खाली पदों को भरने के लिए मणिपुर इंडस्ट्रियल कॉपोरेशन का गठन किया गया है। ऐसे आईटी क्षेत्र जहां निवेश के अवसर हैं इस प्रकार हैं –

आईटी पार्क स्थािपित करने से, आईटी आधारित सर्विस सेंटर व सूचना कियोस्कं स्थारपित करने में
वायस, डाटा व वीडियो प्रसारण और प्रचार के लिए मणिपुर, स्टे ट वाइड एरिया नेटवर्क (एमएएनएनटी) के बैकबोन नेटवर्क की स्थािपना की गई है
नागरिकों को मल्टीा फंक्शहन इलेक्ट्रॉ निक स्मा र्ट कार्ड उपलब्धर कराना
स्कूिल व कॉलेजों में आईटी साक्षरता कार्यक्रम
आईटी के जरिए दूरस्थॉ शिक्षा को राज्या में बढ़ावा देने के लिए आईटी साक्षरता कार्यक्रम

Previous Post

महाराष्ट्र

Next Post

त्रिपुरा

suraj singh

suraj singh

Next Post

त्रिपुरा

  • Trending
  • Comments
  • Latest
नोएडा: बाथरूम में नहा रही लड़की का वीडियो बनाया, विरोध करने पर पीटा

नोएडा: बाथरूम में नहा रही लड़की का वीडियो बनाया, विरोध करने पर पीटा

December 23, 2020

हिमाचल प्रदेश

January 8, 2020

सब्ज़ी मेकर (लघुकथा)

October 28, 2019

डॉ. गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’

January 13, 2020

बावरा मन

0

शब्दों का सफर

0

सब्ज़ी मेकर (लघुकथा)

0

सिक्किम

0
डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

March 23, 2023
गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

March 23, 2023
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

March 23, 2023
लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास  फिर किया हंगामा, बोतलें  फेंकी और लगाए नारे

लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास फिर किया हंगामा, बोतलें फेंकी और लगाए नारे

March 23, 2023

लेटेस्ट न्यूज़

डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

March 23, 2023
गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

March 23, 2023
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

March 23, 2023
लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास  फिर किया हंगामा, बोतलें  फेंकी और लगाए नारे

लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास फिर किया हंगामा, बोतलें फेंकी और लगाए नारे

March 23, 2023
Janlok India Times news

Janlokindiatimes.com : is one of the best news channel in delhi/ncr

Follow us

  • facebook
  • twitter
  • instagram

Browse by Category

  • Top News
  • Uncategorized
  • उत्तर प्रदेश
  • उत्तराखंड
  • कथा-कहानी
  • कविता
  • कश्मीर
  • कोरोना
  • खेल
  • ग़ज़ल
  • जम्मू
  • दिल्ली एनसीआर
  • पश्चिम बंगाल
  • बड़ी खबरें
  • बिहार
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • महाराष्ट्र
  • महिला
  • मीडिया
  • मुख्य समाचार
  • युवा
  • राजनीति
  • राजस्थान
  • राज्य
  • राशिफल
  • विदेश
  • विशेष
  • वीडियो गैलरी
  • व्यंग्य
  • व्यापार
  • सिक्किम
  • स्वास्थ्य
  • हरियाणा
  • हिमाचल प्रदेश

अभी अभी

डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद गुणकारी हैं कच्चे केले, जानें इसके अन्य फायदे

March 23, 2023
गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

गर्मियों में बेहद गुणकारी है आम पन्ना, इस सीजन कोल्ड ड्रिंक्स से करें इसे रिप्लेस

March 23, 2023
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करेंगी ये 5 ड्रिंक्स, आज ही करें डाइट में शामिल

March 23, 2023
लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास  फिर किया हंगामा, बोतलें  फेंकी और लगाए नारे

लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग के पास फिर किया हंगामा, बोतलें फेंकी और लगाए नारे

March 23, 2023
  • Home
  • Disclamer
  • Programs
  • Bank Details
  • Contact us

Copyright © 2020 Janlokindiatimes.com | This is Owned By Janlok India Times

No Result
View All Result
  • होम
  • मुख्य समाचार
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कश्मीर
    • जम्मू
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • सिक्किम
  • बड़ी खबरे
  • दिल्ली एनसीआर
  • कोरोना
  • विदेश
  • राजनीति
  • विशेष
  • Youtube Channel
  • Live Tv
  • More
    • स्वास्थ्य
    • व्यापार
    • खेल
    • मनोरंजन
    • राशिफल

Copyright © 2020 Janlokindiatimes.com | This is Owned By Janlok India Times

error: Content is protected !!
  • →
  • WhatsApp
  • Live TV Live TV