बेशक सच कड़वा होता है,
लेकिन सच तो सच होता है।
गैर भले हो कितना अच्छा ,
अपना फिर अपना होता है।
हवा उड़ा देती है उसको,
जो पत्ता सूखा होता है।
तेरी ही यादें होती है,
जब भी दिल तन्हाे होता है।
कौन वफा पे करे भरोसा,
ये धागा कच्चाे होता है।
बात निकलती है बातों से
चुप रहना अच्छा होता है ।
मरने की खातिर ही जीना,
सोचो क्याा जीना होता है।
यहीं कहीं पे मिल जाते हैं,
किससे कौन जुदा होता है।
संघर्षो की भट्टी में ही,
’सविता’ को तपना होता है।