अमीर कौन ?
गत दिनों एक मित्र के यहाँ शादी में जाना हुआ, मित्र बहुत संपन्न था, शादी भी उसके बेटे की थी। शादी में दिल खोल कर खर्चा किया, सजावट से लेकर खाने तक किसी भी चीज की कमी नहीं थी. आने-जाने वाले उसकी तारीफ़ कर रहे थे, तारीफ़ भी क्यों ना हो, व्यवस्था भी इतनी अच्छी थी.
तभी झूठी थाली रखने वाली जगह की ओर से शोर और किसी के रोने की आवाज आई, मेरा ध्यान भी उधर गया।
देखा कि एक 8 साल का मैले-कुचले कपड़े पहने बच्चा रो रहा है और मेरे मित्र उसकी पिटाई कर रहे हैं.
पूछने पर पता लगा कि वह बच्चा झूठन से कुछ रोटी लेकर जा रहा था. उसका मित्र एवं उसकी बीमार माँ तीन दिन से भूखे थे. उनके लिए भोजन ले जा रहा था. किसी तरह उस बच्चे वहाँ से विदा किया.
वहाँ से निकलने के बाद सारे रास्ते एक ही प्रश्न दिमाग़ में चल रहा था कि अमीर कौन ? मेरा मित्र या वह छोटा सा बच्चा।
लेखक –
दीपक मेनारिया ‘दीपू’
164/25, पानेरियों की मादड़ी, उदयपुर