उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गंगा में फिर उफान पर होने से जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर (सेमी.) ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ पीड़ितों की मुसीबत और बढ़ गई हैं। घरों में बाढ़ का पानी भरा होने के साथ भोजन के लिए राशन कमी और बनाने के इंतजाम न होने से जीवन दुखदाई होता जा रहा है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ पीड़ितों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार द्वारा बनवाए गए बाढ़ शरणालयों में ताला जड़ा है या पानी में डूबे होने से ग्रामीण सड़कों के किनारे तो कोई कूड़ा निस्तारण केन्द्रो में डेरा जमा रहे हैं। अधिकारियों का कागजी दावा बाढ़ पीड़ितों के जले पर नमक छिड़कने जैसा ही देखा जा रहा है।
बता दें कि फर्रुखाबाद के विकास खंड राजेपुर,अमृतपुर, कमालगंज, शमसाबाद क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बद से बत्तर होने के बाद जिला प्रशासन जैसे सो रहा हो। बाढ़ के पानी से अभी तक जिले में 18 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे है। वहीं अधिकारियों की माने तो जिले के मजह 74 ग्राम ही बाढ़ से प्रभावित होने का दावा जिला प्रशासन कर रहा है।
जिले में किसानों की अगर बात की जाए तो बाढ़ प्रभाबित इलाकों में अभी तक जिला प्रशासन को 741 हेक्टेयर फसले जलमग्न होने का दावा जिला प्रशासन कर कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ प्रभावित इलाकों की अगर माने तो गांवों में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ने से ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं।
बाढ़ शरणालयों में ताला जड़ा होने से ग्रामीण सड़कों के किनारे डेरा जमा रहे हैं। कई दिनों से पानी भरा होने से ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्राली, तख्त व छतों पर रहकर गुजारा कर रहे हैं। झोपड़ी में रहने वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। पानी बढ़ने से ग्रामीण झोपड़ियों से सामान निकालकर ऊंचे स्थान पर बसेरा जमा रहे हैं। बाढ़ से घिरे गांव के ग्रामीणों को रहने के लिए अमृतपुर तहसील क्षेत्र में 13, सदर तहसील में 5, कायमगंज में 6, बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। इनमें एक भी बाढ़ पीड़ित नहीं पहुंचाया गया।
जिले में गंगा पिछले 15 दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर चल रही है और गंगा के इस रौद्र रूप से ग्रामीणों को निजात नहीं मिल रही है। जिले के 36 गाँव ऐसे है, जिनका पूरी तरह से जिला मुख्यालय से संपर्क काट चुका है। वहीं, फर्रुखाबाद बदायूं मार्ग पिछले एक सप्ताह से पूरी तरह से अवरुद्ध होने के साथ कई मार्ग पूरी तरह से कट चुके है। जिसमें सैकड़ो राहगीर जान जोखिम में डाल कर निकल रहे है।